28 Mar 2024, 22:42:31 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

कोरोना वायरस को लेकर रिसर्च में हुआ इतना बड़ा खुलासा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 5 2020 12:02AM | Updated Date: Jun 5 2020 12:04AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्‍ली। दुनिया में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इधर अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के पास पर्याप्त जानकारी है, जिसके दम पर उसे यह विश्वास है कि घातक कोरोना वायरस कोविड-19 चीन के वुहान की प्रयोगशाला से ही पैदा हुआ है। वहीं इस बीच अब यूके की खुफिया एजेंसी के पूर्व प्रमुख ने चीन में पैदा हुए कोरोना वायरस को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्‍होंने कहा है कि कोरोनो वायरस चीनी शहर वुहान की प्रयोगशाला से ही पैदा हुआ है।
 
1999 से 2004 तक MI6 के प्रमुख सर रिचर्ड डीयरलोवे ने भी कहा कि उन्होंने हाल ही में एक रिपोर्ट देखी, जिसमें दावा किया गया था कि वायरस प्रकृति से नहीं निकला है, बल्कि मानव निर्मित है। द टेलीग्राफ के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा विफलता के कारण हो सकता है, जीन-स्पिलिंग प्रयोग के दौरान कोई चमगादड़ लैब से बच निकलता है, जिस वहज से यह हादसा हो सकता है। डियरलोव ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं था कि यह जानबूझकर जारी किया गया था, लेकिन चीन ने स्पष्ट रूप से इस महामारी के खतरे को छिपाने की कोशिश की थी।
 
सेवानिवृत्त खुफिया प्रमुख ने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के प्रोफेसर एंगस डलगिश और नार्वे के वायरोलॉजिस्ट बिगर सोरेनसेन की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा कि यह यह वायरस दूसरों से अलग था, क्‍योंकि यह कई वायरस मिलाकर बना था। दस्तावेज़ ने यह भी कहा कि इस वायरस का टीका भी नहीं बनाया जा सकता, क्‍योंकि वैज्ञानिकों को इस वायरस का वास्तविक प्रकृति नहीं मिल पाएगा।
 
डियरलोव ने कहा कि रिपोर्ट को कई वैज्ञानिक प्रकाशनों द्वारा खारिज कर दिया गया और इसको खत्‍म कर दिया गया, क्‍योंकि यह लोग चीन को नाराज नहीं करना चाहते हैं। ऐसे लोग चीन को नाराज करने से बचने के चक्‍कर में इस रिपोर्ट में सामने नहीं आने देना चाहते। दलेगिश और उनकी टीम इसे आगे विश्लेषण के साथ निकट भविष्य में जारी करेगी। इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि इस वायरस के वुहान लैब से जुड़े होने के साफ संकेत हैं, क्‍योंकि यह स्वाभाविक रूप से विकसित नहीं हो सकता। इसे इंसानों ने हेरफेर बनाया है।
 
डियरलोव ने उन वैज्ञानिक पत्रिकाओं की निष्पक्षता पर सवाल उठाया, जिन्होंने पहले के विश्लेषण को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि इन पत्रिकाओं ने चीनी वैज्ञानिकों के लेखों को शार्ट नोटिस पर छापना स्वीकार किया जो अपने आप में सवाल खड़े करता है। उन्होंने कोरोनो वायरस महामारी की उत्पत्ति की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की प्रशंसा की।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »