हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए नवीन और अभिनव समाधान तलाशने का आह्वान किया है। नायडू ने हैदराबाद में शनिवार को प्रो. जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय में कृषि-प्रौद्योगिकी एवं नवाचार पर प्रदर्शनी एवं सम्मेलन के द्वितीय संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि कृषि में सर्वश्रेष्ठ तरीकों को अपनाने और इसे लाभकारी बनाने के लिए इस क्षेत्र के मुख्य हितधारकों जैसे कृषि वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, कृषि विज्ञान केंद्रों और किसानों के बीच बैठक होनी चाहिए।
किसान को कृषि का सबसे अच्छा शिक्षक बताते नायडू ने कहा कि अगर किसान के कृषि संबंधी ज्ञान और वैज्ञानिक अनुसंधान को एक साथ लाया जाता है, तो इस क्षेत्र में चमत्कार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि अध्ययन करने वाले छात्रों को अपना आधा समय कक्षाओं में और बाकी समय किसानों के साथ व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने और किसानों की समस्याओं से परिचित होने में बिताना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कृषि विश्वविद्यालयों से उत्पादकता के स्तर को बढ़ाने के अलावा कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल विभिन्न नई किस्मों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।
खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश को आयातित खाद्य सुरक्षा पर निर्भर नहीं होना चाहिए। नायडू ने कहा कि निशुल्क सेवाएं और ऋण छूट किसी समस्या का समाधान नहीं है, यह केवल अस्थायी राहत प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि को व्यवहार्य और लाभदायक बनाने के लिए दीर्घकालिक और समग्र उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कुछ दीर्घकालिक उपायों को सूचीबद्ध करते हुए गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति, गोदामों, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं, रेफ्रिजरेटर वैन के अलावा ग्रामीण अवसंरचना के विकास और किसानों को समय पर और पर्याप्त ऋण सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया। उपराष्ट्रपति ने कृषि के विविधीकरण का आह्वान करते हुए कहा कि किसानों को पारंपरिक फसलों के अलावा नई फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने किसान की आय को बढ़ाने के लिए मुर्गी पालन, डेयरी, बागवानी और जलीय कृषि जैसी सहायक गतिविधियां शुरू करने पर भी जोर दिया।