लाहौर। लाहौर उच्च न्यायालय ने इमरान खान सरकार को निर्देश दिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पुत्री मरियम नवाज का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट से निकाले जाने के संबंध में सात दिन के भीतर अंतिम फैसला ले। मरियम नवाज पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की उपाध्यक्ष भी हैं। न्यायमूर्ति अली बकर नजाफी की अगुवाई वाली खंडपीठ ने मरियम की याचिका पर आज सुनवाई की। मरियम ने याचिका में आग्रह किया है कि उसका नाम ईसीएल से हटाया जाए जिससे कि वह अपने बीमार पिता नवाज शरीफ से लंदन में मिलने के लिए वहां जा सके।
मरियम को पिछले साल अगस्त में ईसीएल की सूची में डाला गया था। चौधरी चीनी मिल भ्रष्टाचार मामले में हिरासत में चल रही मरियम को पिछले महीने ही जमानत मिली है। इस मामले में राष्ट्रीय जबावदेही ब्यूरो ने मरयिम को आठ अगस्त को गिरफ्तार किया था। इस वर्ष सितम्बर में मरियम को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था और चार नवंबर को ही लाहौर उच्च न्यायालय से उन्हें जमानत मिली थी। नैब ने पिछले सप्ताह लाहौर उच्च न्यायालय की मरियम को जमानत देने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।
अपनी जमानत याचिका में मरियम ने कहा था कि उसके पिता की हालत बहुत खराब है और उनका लंदन में इलाज चल रहा है। उनकी देखरेख के लिए वह छह सप्ताह के लिए लंदन जाना चाहती हैं। उन्होंने विदेश यात्रा नहीं कर सकने वाली सूची में अपने नाम की वैधता को भी चुनौती दी थी। मरियम का दावा है कि उनकी दलीलों को उचित ढंग से सुना नहीं गया और अदालत से अनुरोध है कि उनका नाम ईसीएल से हटाया जाये। पिछले साल एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में में अपने पिता नवाज शरीफ का हुई सजा के बाद मरियम का नाम ईसीएल सूची में डाला गया था। मरियम पिछले साल ही लंदन से वापस पाकिस्तान लौटी थीं। लंदन में वह अपनी बीमार मां कुलसूम नवाज की देखभाल कर रही थीं।