अयोध्या। उच्चतम न्यायालय के राम मंदिर के पक्ष में दिये गये ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ निर्मोही अखाड़ा का पुर्नविचार याचिका दाखिल करने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। अखिल भारतीय पंच रामानन्दीय निर्मोही अखाड़ा की एक बैठक रविवार को निर्मोही बाजार स्थित आश्रम पर सम्पन्न हुई जिसमें अखाड़े के लगभग सभी पंच उपस्थित थे। अखाड़े के संतों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मंदिर के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसको हम लोग सम्मान के साथ मानते हैं। अभी ऐसा कोई निर्मोही अखाड़ा ने कोई निर्णय नहीं लिया है जिससे पुर्नविचार याचिका की जा सके।
सांवरिया धाम राजस्थान के महंत रामसुरेश दास ने कहा ‘‘ आज की बैठक सद्भावना के तौर पर हुई है। न्यायालय ने ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को शामिल कर जो सम्मान दिया है उससे हम लोगों को बहुत खुशी है। हम सभी पंचों ने एक साथ मां सरयू का पूजन किया है। पुर्नविचार याचिका के लिये अभी हमारा कोई विचार नहीं है। ’’ एक सवाल के जवाब में महंत ने कहा कि यदि याचिका के लिये मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जा रहा है तो यह उनकी सोच है। हम सभी पंच बहुत जल्द ही सरकार से मिलेंगे और उन्हें अपना प्रस्ताव पेश करेंगे। निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेश दास ने कहा कि राम मंदिर के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। फैसले से सभी लोग खुश हैं। पूरा देश एकजुट है।
यह भगवान राम का देश है। उनके पक्ष में निर्णय आया है। राम के लिये निर्मोही अखाड़ा शुरू से आगे रहा है। उन्होंने कहा कि यह अखाड़ा पंचायती मठ है जिसमें तेरह लोग हैं। आगे की रणनीति के लिये हम सब आपस में बात करेंगे। आज इस बैठक में अभी पुन: विचार याचिका के लिये हम नहीं जायेंगे। अखाड़ा की तरफ से ट्रस्ट में कौन शामिल होगा इसके लिए भी हम आपस में बातचीत करेंगे। निर्मोही अखाड़ा चाहता है कि इस अखाड़े को ट्रस्ट में अध्यक्ष या जनरल सेक्रेटरी जैसा पद दिया जाय। ट्रस्ट की स्कीम क्या होगी यह तो प्रधानमंत्री कार्यालय बनायेगा। बैठक की अध्यक्षता अखाड़ा के वयोवृद्ध सरपंच महंत राजा रामचन्द्राचार ने की। इस अवसर पर उप सरपंच महंत नरसिंह दास चित्रकूट, महंत मदनमोहन दास वृन्दावन, महंत भगवान दास उर्फ श्रृंगारी दास छतरपुर मध्य प्रदेश, महंत रामकेवल दास ग्वालियर, महंत घनश्याम दास गुप्तारघाट और निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता प्रभास सिंह उपस्थित रहे।