चीन के साथ तनाव के बीच भारतीय वायु सेना अरुणाचल प्रदेश, असम और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में बड़े स्तर पर युद्धाभ्यास करने वाली है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ 32 महीनों से तनाव है, जो अरुनाचल प्रदेश तक फैल चुका है, जहां हाल ही में भारतीय और चीनी सेना के बीच झड़प देखी गई थी। खास बात ये है कि उत्तर पूर्व में होना वाला युद्धाभ्यास एक कमांड-लेवल एक्सरसाइज होगा। इस दौरान फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और अन्य एयरक्राफ्ट सहित एक्सरसाइज में ड्रोंस को भी शामिल किया जाएगा। ईस्टर्न एयर कमांड का हेडक्वार्टर शिलॉन्ग में है, जिसके जवान 1-5 फरवरी तक की तैयारी में जुटे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक्सरसाइज के दौरान ईस्टर्न सेक्टर में राफेल और सुखोई-30 एमकेआई जैसे फाइटर प्लेन भी नजर आएंगे। ये फाइटर एयरक्राफ्ट हासीमरा, तेजपुर और चाबुआ एयरबेस पर तैनात किए जाएंगे। वायु सेना ने इससे पहले अरुणाचल के तवांग में भारतीय और चीनी सेना के बीच झड़प के बाद दो दिवसीय अभ्यास किया था।
हालांकि अगले महीने होने वाला सैन्य अभ्यास कई मायनों में अहम है। यहां एक लॉन्ग-स्केल एक्सरसाइज होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान सी-130जे सुपर हर्क्युलस एयरक्राफ्ट, चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर और अपाचे हेलिकॉप्टर भी नजर आएंगे। पूर्वी लद्दाख में, चीन ने लगातार तीसरी सर्दियों के लिए सीमा पर 50,000 से अधिक सैनिकों और भारी हथियारों को तैनात करना जारी रखा है, और अब तक रणनीतिक रूप से स्थित डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के 1,346 किमी के हिस्से में तैनाती बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि चीन ने यहां दो कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड तैनात कर रखा है। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें प्रत्येक ब्रिगेड में 4500 सैनिक टैंक के साथ तैनात हैं। यहां चीनी सेना ने तोपखाने और अन्य भारी हथियार की भी तैनाती कर रखी है।