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अंसारी के बयानों से राजनीतिक बवाल, भाजपा, विहिप ने खोला मोर्चा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 27 2022 2:44PM | Updated Date: Jan 27 2022 2:44PM
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नई दिल्ली। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी अमेरिका में भारत विरोधी सांसदों के साथ एक कार्यक्रम में भाग लेने और भारत के राजनीतिक वातावरण पर अपनी टिप्पणी से विवादों में आ गये हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए कहा है। कि एक व्यक्ति की आलोचना का पागलपन अब देश की आलोचना की साजिश में बदल गया है। अंसारी गणतंत्र दिवस के अवसर पर अमेरिका स्थित भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल एवं कुछ अन्य भारत विरोधी संगठनों द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे। उनके साथ अभिनेत्री स्वरा भास्कर और तीन अमेरिकी सांसदों जिम मैकगवर्न, एंडी लेविन और जेमी रस्किन भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंसारी ने कहा!

हाल के वर्षों में हमने ऐसे रुझान और व्‍यवहार देखे हैं जो पहले से स्‍थापित नागरिक राष्‍ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्‍कृतिक राष्‍ट्रवाद की काल्‍पनिक व्‍यवस्‍था पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा कि यह वातावरण वर्तमान चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करता है। और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहता है। उन्‍होंने कहा कि ऐसे लोग चाहते हैं। कि नागरिकों को उनकी आस्‍था के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाए और असुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए। ऐसे विचारों को राजनीतिक एवं कानूनी चुनौती देने की जरूरत है। अंसारी के इस बयान पर केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है। उन्‍होंने कहा, “जो लोग अल्‍पसंख्‍यकों के वोट का शोषण करते थे, वे अब देश के सकारात्‍मक माहौल से चिंतित हैं।

विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता सुनील बंसल ने ट्वीट करके कहा, “ श्री हामिद अंसारी जैसे लोग संवैधानिक पदों से उतरते ही सीधे नीचे क्यों गिर जाते हैं। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया एवं भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल जैसे कट्टरपंथी संगठनों में पहुंचते ही इनके अंदर का जिहादी इस्लाम इन पर क्यों हावी हो जाता है? राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद पर छुप-छुप कर बार करने से अच्छा हो ये खुलकर मैदान में आएं। भाजपा के आई टी प्रकोष्ठ के संयोजक अमित मालवीय ने भी अपने ट्वीट में कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी के प्रियपात्र एवं पूर्व उपराष्ट्रपति श्री अंसारी ने ऐसे अमेरिकी सांसदों के साथ मंच साझा किया है जिनका इतिहास भारत विरोधी रुख के उदाहरणों से भरा पड़ा है। कार्यक्रम का आयोजन जिस भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल ने किया था!

उसके संबंध भारत में प्रतिबंधित जमाते इस्लामी से है। इस संगठन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और अन्‍य आतंकवादी गुटों के साथ भी जुड़े होने के आरोप हैं। कार्यक्रम में अमेरिकी सांसदों ने आयोजकों एवं श्री अंसारी की हां में हां मिलाते हुए कहा था। कि भारत में धार्मिक अधिनायकवाद और भेदभाव के मुद्दे पर अनेक समस्याएं हैं। अफसोस की बात है कि आज दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र पतन, मानवाधिकारों का हनन और धार्मिक राष्ट्रवाद को उभरते देख रहा है। 2014 के बाद से भारत लोकतंत्र सूचकांक में 27 से गिरकर 53 पर आ गया है। और फ्रीडम हाउस’ ने भारत को ‘स्वतंत्र’ से ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ श्रेणी में डाल दिया है। इसलिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत हर किसी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता, स्वतंत्रता, बहुलवाद, सहिष्णुता और असहमति का सम्मान करने की राह पर बना रहे।

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