नई दिल्ली। एक समय ऐसा था जब चाइनामैन बॉलर कुलदीप यादव को टीम इंडिया की सबसे मजबूत कड़ी माना जाता था। लेकिन अब कुलदीप भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर हो गए। सही मायने में कुलदीप के करियर की उल्टी गिनती महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद से ही शुरू हो गई थी. T20 वर्ल्ड कप 2021 के लिए कुलदीप यादव को टीम इंडिया में शामिल नहीं किया गया था। न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका सीरीज में भी उनकी अनदेखी हुई। जब से महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा है। तब से कुलदीप के तेवर ढीले पड़ गए। कुलदीप की गेंदबाजी की चमक मंद पड़ गई। कुलदीप यादव ने टीम इंडिया के लिए 23 टी-20 इंटनेशनल मैच खेले हैं। जिसमें उन्होंने 14.21 की औसत और 7.15 की इकॉनोमी रेट से महज 41 विकेट अपने नाम किया!
उनका बेस्ट बॉलिंग फिगर 5/24 रहा जो उन्होंने साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में हासिल किया था। कुलदीप यादव में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। वो एक खास तरह की गेंदबाजी करना जानते हैं। जिसे 'चाइनामैन बॉलिंग' कहा जाता है। ये बेहद अनोखी बॉलिंग स्टाइल है। इसमें बाएं हाथ का स्पिनर गेंद को उंगलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराता है। महेंद्र सिंह धोनी जब भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलते थे। तो कुलदीप यादव को सबसे ज्यादा फायदा होता था, लेकिन धोनी के संन्यास लेते ही कुलदीप यादव का करियर अंधेरे में जा रहा है। एक इंटरव्यू में कुलदीप ने बताया था कि कैसे वह मैदान के भीतर और बाहर महेंद्र सिंह धोनी की सलाह को मिस करते हैं। कुलदीप ने बताया था कि विकेट के पीछे के धोनी की सलाह उनके बहुत काम आती थी।
और उन्हें उसकी कमी खलती है। कुलदीप ने आगे कहा था, 'मुझे कभी उनकी सलाह की काफी कमी महसूस होती है। उनके पास काफी अनुभव था। वह विकेट के पीछे से हमें गाइड करते थे। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत के दौरान कुलदीप यादव ने टीम प्रबंधन के कई बड़े राज खोले थे। कुलदीप यादव ने कहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा कि टीम मुझसे क्या चाहती है। केवल दो महीने के प्रदर्शन के आधार पर अगर वर्ल्डकप टीम चयनित होगी तो खिलाड़ी के रूप में ये समझ पाना मुश्किल होता है। भारतीय टीम के खेमे में खिलाड़ियों को अक्सर बताया जाता है कि आखिर उन्हें क्यों मौका नहीं दिया जा रहा है। लेकिन यह चलन आईपीएल फ्रेंचाइजी में नहीं है। कुलदीप यादव ने कहा कि KKR टीम मुझे लगातार नजरअंदाज कर रही थी।
कुलदीप को कई आईपीएल मैचों में बाहर भी बैठना पड़ा था। कोलकाता ने उनसे ज्यादा वरुण चक्रवर्ती को वरीयता दी. कुलदीप ने कहा कि जब संवाद कमजोर हो तो इसे समझ पाना बहुत मुश्किल होता है। कई बार आपको यह पता ही नहीं होता कि आप खेल भी रहे हैं। या नहीं या फिर टीम आपसे क्या चाहती है। बता दें कि कुलदीप यादव वही खिलाड़ी हैं। जिनकी वजह से कभी कोहली और अनिल कुंबले के बीच झगड़े की शुरुआत हुई थी। 2017 मार्च में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर कप्तान कोहली और पूर्व कोच कुंबले के बीच अनबन हुई थी. दरअसल, सीरीज के तीसरे टेस्ट में कुंबले चाहते थे कि कुलदीप यादव को टीम में शामिल किया जाए, लेकिन कोहली ने इससे साफ इंकार कर दिया यह विवाद धर्मशाला टेस्ट के दौरान हुआ था।
धर्मशाला टेस्ट में विराट कोहली चोट के कारण इस मैच का हिस्सा नहीं थे, और अजिंक्य रहाणे टीम के कप्तान थे। इस मैच में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को मौका दिया गया था। कोहली इसके खिलाफ थे। वे अमित मिश्रा को खिलाना चाहते थे। यह फैसला विराट को बिना बताए लिया गया था। इसके अलावा बताया जाता है। कि विराट कोहली पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को ग्रेड-ए में शामिल किए जाने से भी खफा थे। कुलदीप यादव ने 22 टी20 मैचों में 41 विकेट लिये हैं. उन्होंने 45 आईपीएल मुकाबले भी खेले हैं जिनमें उनके 40 विकेट हैं। कुलदीप का वनडे करियर भी शानदार रहा है. उन्होंने 65 वनडे में 107 विकेट झटके हैं। ये आंकड़े कुलदीप यादव की प्रतिभा का आकलन करने के लिये पर्याप्त हैं. टी20 फॉर्मेट में उनका इकनॉमी रेट भी 8 से कम है।