नई दिल्ली। कोरोना के Omicron वेरिएंट को लेकर दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों ने कहा था कि यह नया वेरिएंट पिछले संक्रमणों से अलग लक्षण पैदा कर रहा है। ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की चेयरपर्सन एंजेलिक कोएत्ज़ी ने का था कि ओमीक्रॉन का लक्षण ज्यादा थकाने वाला होगा, लेकिन इस बीच भारत में ओमीक्रॉन के मिले सभी पांच मरीजों में हल्के लक्षण देखने को मिले हैं। एलएनजेपी अस्पताल के डॉ सुरेश कुमार ने एएनआई को बताया कि तंजानिया से लौटे भारत के 5वें ओमीक्रॉन मरीज में गले में खराश, कमजोरी और शरीर में दर्द की शिकायत देखी गई। अन्य अंतरराष्ट्रीय यात्री जिन्हें पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद एलएनजेपी में भर्ती कराया गया है वे पूरी तरह से स्थिर और लक्षणहीन है। डेल्टा या SARS-CoV-2 के अन्य प्रकारों के कारण हुए पिछले संक्रमणों से सांस लेने में तकलीफ, स्वाद और गंध जैसी समस्याएं देखने को मिली थी। हालांकि ओमीक्रॉन को लेकर शोध जारी है और इसके प्रकार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। भारत और अन्य देशों में रिपोर्ट किए गए मामलों से संकेत मिलता है कि लक्षण सामान्य सर्दी की तरह हैं और अन्य प्रकारों के कारण होने वाले कोविड-19 मामलों की तरह कुछ भी नहीं है। ओमीक्रॉन के लक्षणों की सूचना सबसे पहले दक्षिण अफ़्रीकी डॉक्टर एंजेलिक कोएट्ज़ी ने दी थी जो दक्षिण अफ़्रीकी मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। उन्होंने ही पहले दक्षिण अफ्रीका सरकार को नए वेरिएंट के बारे में सतर्क किया था।
भारत का पहला ओमीक्रॉन मामला दक्षिण अफ्रीकी नागरिक का था जो पहले ही देश छोड़ चुका था। यह मरीज पूरी तरह से लक्षणहीन था और निगेटिव परीक्षण किया गया था। वहीं बिना किसी अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर गए बेंगलुरु के डॉक्टर को कुछ खास लक्षण नहीं देखने को मिले थे।
डॉक्टर ने पाया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट में सबसे पहले शरीर में तेज दर्द, ठंड लगना और हल्के बुखार के लक्षण दिखाई दिए। तीसरा मामला जिम्बाब्वे से लौटा गुजरात के जामनगर शहर का 72 वर्षीय एक व्यक्ति का मिला जो कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रॉन’ से संक्रमित पाया गया। इनमें हल्के लक्षण पाए गए। हालांकि इन लक्षणों से संकेत मिलता है कि यह नया वेरिएंट गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा है, फिलहाल वैज्ञानिक अभी तक इसकी बढ़ी हुई ट्रांसमिशन क्षमता के बारे में निश्चित नहीं हैं। टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के निदेशक और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के पूर्व प्रमुख डॉ। राकेश मिश्रा ने कहा कि लोग इसे सामान्य सर्दी के लक्षण ही दिखते हैं क्योंकि इसमें सांस लेने में कोई परेशानी या नुकसान नहीं होता है।