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10 लाख आबादी में 340 लोगों की हुई कोरोना से मौत, दुनिया में सबसे कम: स्वास्थ्य मंत्री

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 3 2021 4:39PM | Updated Date: Dec 3 2021 4:39PM
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नई दिल्‍ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में शुक्रवार को कुछ आंकड़ें पेश किए, जिनके जरिए उन्होंने कोरोनावायरस महामारी के दौरान उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई। इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी बताया कि भारत में दस लाख कोरोना की आबादी पर कोरोना केस का अनुपात दुनिया में सबसे कम रहा है। इसके अलावा, मंडाविया ने देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूत किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर से भी सदन को अवगत कराया। गौरतलब है कि विपक्ष लंबे समय से आरोप लगाता आ रहा है कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने लापरवाही दिखाई है। स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने बताया कि भाहरत में 3।46 कोविड-19 के मामले रिपोर्ट किए गए, जबकि 4.6 लाख लोगों ने इस खतरनाक वायरस के चलते अपनी जान गंवाई। कोरोना मृतकों की संख्या रिपोर्ट किए गए कोविड मामलों का 1।36 फीसदी है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर 5,000 मामले और 340 मौतें दर्ज की गईं। यह दुनिया में सबसे कम में से एक है। मंडाविया ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत कमजोर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए काम चल रहा है। 
स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की अनदेखी करने वाली पिछली सरकारों को दोष दिए बिना, सरकार ने बेहतर नतीजों के लिए काम किया है।
 
मंडाविया ने कहा कि पिछले दो सालों में पीएम मोदी के नेतृत्व में लिए गए निर्णयों से पता चलता है कि यह सरकार शक्ति के लिए नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति के साथ काम करती है। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 का पहला केस 13 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया। लेकिन केंद्र द्वारा गठित संयुक्त निगरानी समिति की पहली बैठक 8 जनवरी 2020 को हुई थी। इसका मतलब है कि हम सतर्क थे। उन्होंने कहा कि मामला दर्ज होने से पहले एक समिति बनाई गई थी और इसने काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने इस बयान के साथ विपक्ष को जवाब दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, एक समय था जब किसी ने वैक्सीन पर रिसर्च की थी तो उसे अप्रूवल होने में 3 साल लग जाते थे। इसलिए कोई भी रिसर्च नहीं करता था। हमने उन नियमों को खत्म कर दिया और एक साल के भीतर रिसर्च के बाद देश को वैक्सीन मिल गई। इस तरह की सुविधा पीएम मोदी ने दी है।
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