नई दिल्ली। अगले साल पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने हैं। चुनावों से कुछ महीने पहले ही कांग्रेस ने पंजाब में कई बड़े फेरबदल किए हैं। जिसमें सबसे बड़ा फेरबदल सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की हटाना था। इस दौरान कांग्रेस नेअपने राज्य इकाई को अध्यक्ष को भी बदला है। अब पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू हैं। लेकिन शुक्रवार को कांग्रेस में पंजाब को लेकर एक और बड़ा बदलाव किया है।कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी को बदल दिया है।
पार्टी ने सीनियर कांग्रेस नेता हरीश रावत की जगह राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब और चंडीगढ़ का तत्काल प्रभाव से प्रभारी नियुक्ति किया है। वहीं पार्टी की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि, हरीश रावत कांग्रेस कार्यकारणी के अध्यक्ष बने रहेंगे। हरीश रावत का कांग्रेस प्रभारी के पद छोड़ने की वजह उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों को माना जा रहा है।कैबिनेट मंत्री हरीश राय चौधरी पंजाब में सीएम में बदलाव के बाद राज्य कांग्रेस के मामले में लगातार सक्रिय हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद भी वह सक्रिय रहे। नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की बैठक के दिन भी कांग्रेस नेतृत्व ने हरीश चौधरी को चंडीगढ़ भेजा गया था। वह पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए अजय माकन के साथ चंडीगढ़ आए थे। हरीश चौधरी पंजाब कांग्रेस के सह इंचार्ज रह चुके हैं। हरीश चौधरी राहुल गांधी के करीबी हैं और माना जाता है कि उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिद्धू के बीच मध्यस्थता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सूत्रों के मुताबिक, हरीश रावत पिछले काफी समय से पंजाब में चल रहे सियासी संकट में व्यस्त रहे हैं। ऐसे में उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर वे फोकस नहीं कर पा रहे थे। इसे देखते हुए पार्टी ने ये फैसला लिया है। हरीश रावत अब उत्तराखंड में होने वाले चुनावों की तैयारियों पर फोकस कर सकेंगे। बता दें कि हाल ही में पंजाब में सियासी संकट को सुझाने में हरीश रावत की काफी अहम भूमिका रही थी।हरीश रावत ने भी पंजाब कांग्रेस के प्रभारी के दायित्व से खुद को मुक्त करने की कांग्रेस हाईकमान से गुजारिश की थी। पंजाब के साथ उत्तराखंड में भी 2022 में विधानसभा चुनाव होना है और ऐसे में रावत पंजाब में पूरा समय नहीं दे पाएंगे। कांग्रेस हाईकमान इन बिंदुओं को ध्यान में रखकर रावत को पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से मुक्त किया है।