नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रविवार को लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर से मिले। यह मुलाकात लद्दाख में उपराज्यपाल कार्यलाय में हुई। उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा की स्थिति से रक्षा मंत्री को अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने लद्दाख से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अक्सर सीमा पर पहुंच कर सैनिकों की हौसलाआफजाई करते रहते हैं और अधिकारियों से मिलकर स्थिति की समीक्षा भी करते हैं। लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद का अभी कोई ठोस हल नहीं निकला है। दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता के बावजूद सीमा पर सनाव कम नहीं हुआ है। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं है। भारत नियंत्रण रेखा का पूरी तरह सम्मान करता है और एलएसी पर यथास्थिति में कोई बदलाव मंजूर नहीं होगा। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जुलाई में जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपालों के साथ अलग-अलग बैठकें की थी। जानकारों के मुताबिक लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर की राजनाथ सिंह से मुलाकात के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन लेह पहुंचे हैं। राजनाथ ने यहां जवानों को संबोधित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि गलवां घाटी में जवानों ने देशवासियों के सम्मान की सुरक्षा की। जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान सबसे ऊपर है और इसलिए इससे समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान ने ही देश को आजादी दिलाई है। राजनाथ ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत जारी है। मैं आपको आश्वासन दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन को भी दुनिया की कोई ताकत नहीं छू सकती है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी किसी की जमीन पर कब्जा नहीं किया है। हम क्षेत्र में अशांति नहीं, बल्कि शांति चाहते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर किसी ने भारत के स्वाभिमान पर चोट पहुंचाई तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने जवानों से कहा कि मुझे और देश को आप सब पर पूरा भरोसा है। हमें जवानों की शहादत पर दुख है। उन्होंने कहा कि जवानों की शहादत को हिंदुस्तान नहीं भूलेगा, आज तक भारत ने किसी की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा कि एलएसी विवाद का हल निकालना चाहिए। विवाद कहां तक होगा कह नहीं सकते। विवाद सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है।
बता दें कि, यहां पांच घंटे बिताने के बाद सिंह कश्मीर लौट आएंगे। रक्षा मंत्री को स्टाकना व्यू प्वाइंट पर वायुसेना और थल सेना का दमखम भी दिखाया गया। इसमें पैरा ड्रॉपिंग समेत सेना के पैरा कमांडोज की ऑपरेशनल तैयारियां दिखाई गईं। जिसमें कॉम्बेट एयर पेट्रोल, अटैक हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर शामिल थे। चीन की चालबाजी को देखते हुए भारत हर मोर्चे पर तैयार है। लद्दाख में रक्षा मंत्री को दिखाया गया कि पैरा कमांडोज किस तरह से पलक झपकते ही दुश्मन को तबाह कर देंगे। सिंह का यह दौरा उस वक्त है जब दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए सैन्य स्तर की बातचीत जारी है। राजनाथ सिंह ने लद्दाख में जवानों की हौसला अफजाई करते हुए न सिर्फ उनका हालचाल पूछा बल्कि उन्हें अपने हाथों से मिठाई भी खिलाई। इस दौरान सिंह ने एलएसी विवाद और भारत की नीति को लेकर कई अहम बातें कहीं।