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कमजोर विदेश नीति के कारण चुनौतियों से जूझ रहा है देश : सोनिया

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 16 2021 3:34PM | Updated Date: Oct 16 2021 4:11PM
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विदेश नीति का इस्तेमाल भी वोट के लिए करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह विपक्ष को साथ लेकर नहीं चलते जिसके कारण विदेश नीति कमजोर पड़ गई हैं और सीमाओं पर देश को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। 
 
गांधी ने शनिवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विदेश नीति के मामले में हमारी हमेशा मजबूत स्थिति रही है। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले की हर सरकार ने विपक्ष को साथ लेकर देश की विदेश नीति को मजबूत बनाए रखने का निरंतर काम किया है लेकिन मोदी का विपक्ष के प्रति उदासीन और उपेक्षा का रुख है जिसके कारण देश की विदेश नीति कमजोर पड गयी है।
 
 उन्होंने कहा कि विदेश नीति के कमजोर होने का ही परिणाम है कि देश को आज सीमाओं पर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले साल विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक में देश की सुरक्षा से जुड़े मामले में असत्य बोला था। उन्होंने कहा था कि चीन देश की सीमा में नहीं घुसा है और उनकी इसी चुप्पी का खामियाजा हमको आज तक भुगतना पड़ रहा है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ उपेक्षा करने का भी मुद्दा उठाया और कहा कि मोदी सरकार में सहकारी संघवाद केवल एक नारा बनकर रह गया है और केंद्र गैर-भाजपाई शासित राज्यों को नुकसान में रखने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
 
गांधी ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा किसानों का साथ दिया है और उनके हितों को वैधानिक सुरक्षा प्रदान की है लेकिन मोदी सरकार ने उनके हितों पर बुल्डोजर चलाया है। किसान तथा किसान संगठन लगातार कृषि विरोधी तीन काले कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार अपने कुछ चुने हुए पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों की बात नहीं सुन रही है। उनकी मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है  और उनको कुचला जा रहा है। 
 
उन्होंने हाल की लखीमपुर-खीरी की घटना का भी जिक्र किया और कहा कि इस भयावह घटना ने भाजपाई मानसिकता को उजागार किया है कि वह किसान आंदोलन को कैसे देखती है और किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपटती है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार की आर्थिक नीतियों की भी आलोचना की और कहा कि देश की आर्थिक स्थिति इस सरकार की कमजोर नीति के कारण डांवाडोल हो गई है। उन्होंने कहा कि महंगाई चरम पर है और पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं और सरकार उसे नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा पा रही है। सरकारी क्षेत्र की कंपनियों को बेचा जा रहा है और दशकों में देश ने जो अर्जित किया है उसको लूटा जा रहा है। उनका कहना था कि सार्वजनिक क्षेत्र के न केवल सामरिक और आर्थिक उद्देश्य रहे हैं बल्कि इसके सामाजिक लक्ष्य भी हैं लेकिन यह सब सार्वजिनक संपत्तियां मोदी सरकार के ‘बेचो, बेचो, बेचो’ के एक मात्र एजेंडे के कारण ख़तरे में पड़ गये है।
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