नई दिल्ली/कोलकाता। देश के कई राज्यों में इस वक्त वायरल बुखार और डेंगू जैसी बीमारियां बच्चों में बुरी तरह फैली हुई हैं। दिल्ली-NCR के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिलों में वायरल बुखार के प्रकोप खबरें पहले भी आ चुकी हैं। अब खबर आई है कि पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी जिले में करीब 70 बच्चों को बुखार और सांस लेने में तकलीफ के कारण भर्ती करवाया गया है। सिलिगुड़ी जिला अस्पताल के बाल चिकित्सक डॉ। सुबीर भौमिक ने बताया है कि इन 70 में से ज्यादातर बच्चे 5 महीने से कम उम्र के हैं। वहीं पश्चिमी यूपी के आगरा जिले में वायरल और डेंगू की वजह से अस्पतालों में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है। आईएमए आगरा के प्रेसिडेंट राजीव उपाध्याय ने बताया है-इस वक्त 40 से 50 फीसदी मरीज वायरल बुखार और डेंगू के हैं। इनमें से 60 फीसदी से ज्यादा मरीज बच्चे हैं। वहीं जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर अरुण कुमार श्रीवास्तव का कहना है- हमारे पास 35 डेंगू के केस आए हैं जिनमें से अभी 14 का इलाज जारी है। किसी भी डेंगू के मरीज के आने पर अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वो हमें तुरंत सूचित करें। मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों के आसपास लगातार फॉगिंग की जा रही है।
इससे पहले दिल्ली के एम्स में शिशु रोग विशेषज्ञों को निमोनिया इन्फ्लुएंजा के केस भी मिल रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में सरकारी टीम को स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पिरोसिस जैसे बैक्ट्रियल संक्रमण के भी मामले मिले हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये बीमारियां नवजात बच्चों और कम इम्युनिटी वाले बच्चों में मौत का कारक भी बन रही हैं। इनके अलावा अन्य बच्चों में दवा का असर बेहतर हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देशभर में मानसून सीजन के कारण मच्छरजनित बीमारियां भी फैली हुई हैं। नीति आयोग के सदस्य और कोविड टास्क फोर्स के हेड डॉ। वीके पॉल ने कहा था- ‘कोरोना के अलावा हमें डेंगू और मलेरिया से लड़ने के लिए भी पर्याप्त तैयार रहना चाहिए। हमें हाथ ढककर रखने चाहिए और मॉस्क्यूटो रिपेलेंट और मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए।’