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Covid-19: Pfizer और AstraZeneca पूरी तरह कारगर नहीं, 2 महीने में कम हो जाती है एंटीबॉडी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 27 2021 5:56PM | Updated Date: Jul 27 2021 5:57PM
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नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस के खिलाफ दुनियाभर में जो वैक्सीन लगाई जा रही हैं, वो कितनी कारगर इसपर अलग-अलग स्तर पर शोध चल रहे हैं। इस बीच फाइजर (Pfizer) एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) वैक्‍सीन से जुड़ा एक शोध Lancet (लैंसेट) में प्रकाशित हुआ, जिसने चिताएं बढ़ा दी है। शोध के मुताबिक फाइजर और एस्ट्राजेनेका का टीका कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ पूरी तरह कारगार नहीं है। इसने बताया कि दोनों वैक्सीन का टीकाकरण पूरा होने के बावजूद छह सप्ताह के बाद एंटीबॉडी का स्तर कम होना शुरू हो जाता है। ये दस सप्ताह या दो से तीन महीने में पचास फीसदी तक कम हो सकता है।
 
लैंसेट में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन (UCL) के एक शोध के हवाले से लिखा गया कि अगर एंटीबॉडी का लेवल इसी दर से गिरता है तो टीकों के सुरक्षात्मक प्रभाव भी कम होना शुरू हो सकते हैं। खासतौर पर नए वेरिएंट के खिलाफ ऐसा हो सकता है। शोध में कहा गया कि वैक्सीन के प्रभाव में कमी कितने में समय में आ सकती है, इसकी अभी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
 
यूसीएल की वायरस वॉच स्टडी में ये भी सामने आया कि एस्ट्राजेनेका के दो खुराक की तुलना में फाइजर वैक्सीन की दो खुराक लेने के बाद एंटीबॉडी का स्तर काफी अधिक रहता है। भारत एस्ट्राजेनेका को कोविशील्ड (Covishield) के रूप में जाना जाता है। शोध में कहा गया कि पहले SARS-CoV-2 संक्रमित लोगों की तुलना में टीकाकरण वाले लोगों में एंटीबॉडी का स्तर बहुत अधिक देखा गया।
 
यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स की मधुमिता श्रोत्री ने एक बयान में कहा- एस्ट्राजेनेका या फाइजर वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद एंटीबॉडी का स्तर शुरू में बहुत अधिक रहता है, जो कोविड​​​​-19 के खिलाफ व्‍यक्ति को तगड़ी सुरक्षा देता है। हालांकि अगले दो से तीन महीनों में इसमें गिरावट देखी गई।
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