नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 15 अगस्त को अधिक से अधिक लोगों राष्ट्रगान गाने के लिए आव्हान किया। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में मन की बात में रविवार को कहा कि इस बार 15 अगस्त को देश अपनी आज़ादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आज़ादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं। आपको याद होगा, आज़ादी के 75 साल मनाने के लिए, 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम से ‘अमृत महोत्सव’ की शुरुआत हुई थी।
इसी दिन बापू की दांडी यात्रा को भी पुनर्जीवित किया गया था, तब से, जम्मू-कश्मीर से लेकर पुडुचेरी तक, गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर तक, देश भर में ‘अमृत महोत्सव’ से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव से कई ऐसी घटनाएँ, ऐसे स्वाधीनता सेनानी, जिनका योगदान तो बहुत बड़ा है, लेकिन उतनी चर्चा नहीं हो पाई - आज लोग, उनके बारें में भी जान पा रहे हैं। मणिपुर का छोटा सा Ÿकस्बा मोइरांग, कभी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) का एक प्रमुख ठिकाना था। यहाँ, आज़ादी के पहले ही, आईएनए के कर्नल शौकत मलिक ने झंडा फहराया था। ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान 14 अप्रैल को उसी मोइरांग में एक बार फिर तिरंगा फहराया गया।
ऐसे कितने ही स्वाधीनता सेनानी और महापुरुष हैं, जिन्हें ‘अमृत महोत्सव’ में देश याद कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से भी लगातार इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन इस बार 15 अगस्त को होने जा रहा है, ये एक प्रयास है - राष्ट्रगान से जुड़ा हुआ। सांस्कृतिक मंत्रालय की कोशिश है कि इस दिन ज्यादा-से-ज्यादा भारतवासी मिलकर राष्ट्रगान गाएँ, इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है झ्र राष्ट्रगानडॉटइन।
इस वेबसाइट की मदद से आप राष्ट्रगान गाकर, उसे रिकॉर्ड कर पाएंगे, इस अभियान से जुड़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है, आप, इस अनोखी पहल से जरूर जुड़ेंगे। इसी तरह के बहुत सारे अभियान, बहुत सारे प्रयास, आपको, आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे। ‘अमृत महोत्सव’ किसी सरकार का कार्यक्रम नहीं, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं, यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है। हर स्वतंत्र और कृतज्ञ भारतीय का अपने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन है और इस महोत्सव की मूल भावना का विस्तार तो बहुत विशाल है - ये भावना है, अपने स्वाधीनता सेनानियों के मार्ग पर चलना, उनके सपनों का देश बनाना। देश की आजादी के मतवाले, स्वतंत्रता के लिए जिस प्रकार एकजुट हो गए थे, वैसे ही, हमें, देश के विकास के लिए एकजुट होना है। हमें देश के लिए जीना है, देश के लिए काम करना है, और इसमें, छोटे- छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला देते हैं।