श्रीनगर। Drone हमलों के लगातार बढ़ते खतरे से निपटने के लिए DRSO द्वारा विकसित Antiका जल्द ही जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर परीक्षण होगा। परीक्षण के आधार पर ही इसे बीएसएफ स्थापित करने पर अंतिम फैसला लेगी। यह परीक्षण अगले एक पखवाड़े में पूरा कर लिया जाएगा। DRDO की मौजूदा एंटी ड्रोन प्रणाली 4 km के दायरे में उड़ रहे Drone का पता लगाने, 2 km के दायरे में जाम करने और 1 से 2 km की Range में उसे मार गिराने में सक्षम है। इस बीच, सेना द्वारा पुंछ में एलओसी पर कुछेक जगहों पर इलेक्ट्रो आप्टिक ड्रोन प्रणाली भी स्थापित की गई है। यह प्रणाली करीब डेढ़ किलोमीटर की रेंज में दुश्मन के Drone का पता लगा उसके संचार तंत्र को अवरुद्ध करने, उसे हवा में मार गिराने में समर्थ है। इसमें लेजर तकनीक का इस्तेमाल होता है।
BSF ने जम्मू प्रांत में कठुआ से लेकर कानाचक तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुछ विशेष स्थानों को एंटी ड्रोन प्रणाली को स्थापित करने के लिए चिन्हित कर लिया है। इन स्थानों पर Anti Drone System को स्थापित करने से पूर्व उसका परीक्षण होगा। BSF ने इसके लिए डिफेंस रिसर्च एंड डिवेल्पमेंट आर्गेनाईजेशन DRDO को औपचारिक आग्रह करते हुए पत्र भी भेजा है DRDO द्वारा विकसित एंटी ड्रोन प्रणाली का जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियों और BSF व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की आवश्यक्तानुरुप रियल टाइम ऑन ग्राउंड परीक्षण होगा। अगर यह परीक्षण कामयाब रहता है तो ही इस प्रणाली को जम्मू-कश्मीर मं BSF स्थापित करेगी। इसके अलावा परीक्षण के दौरान अगर कुछ खामियां पायी जाती हैं तो तदनुसार उनका सुधार भी किया जाएगा। यह परीक्षण संभवत: सांबा सेक्टर के आस-पास ही होगा।
उन्होंने बताया कि DRDO की मौजूदा Drone System का एक बार बीते साल नवंबर-दिसंबर में अमृतसर के पास परीक्षण हो चुका है। हालांकि एनएसजी ने भी इसका परीक्ष्ण किया है, लेकिन वह इस समय इस्रायल और अमरीका द्वारा उपलब्ध कराई गई Anty Drone Technology का इस्तेमाल कर रही है। BSF चाहती है कि Anti Drone System अकेले या समूह में आने वाले अवांछित यूएवी का 10 सैकेंड में पता लगा उसे निशाना बनाने में समर्थ हो।
इस अलावा यह स्टैंड एलोन प्लेटफार्म आधारित हो और रिचार्जेबल बैटरी से चलाए जाने में समर्थ हो। यह मल्टीकाप्टर, फिक्सड विंग यूएवी और रिमोट कंट्रोल से संचालित होने वाले यूएवी को किसी भी मौसमी परिस्थिति में रियल टाइम स्कैन करने, पता लगाने ,पीछा करने और उसे मार गिराने में समर्थ हो। इसके अलावा Anti Drone System Drone के Radio System और GPS को पूरी तरह अवरुद्ध करने, उसे जमीन पर उतरने को मजबूर करने वाले संकेत जारी करने में समर्थ होनी चाहिए। संबधित अधिकारियों ने बताया कि Drone का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। J&K में कई लोगों के पास ड्रोन हैं। हालांकि प्रशासन ने इन पर रोक लगा दी है, लेकिन आतंकी तत्व कभी भी इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा सरहद पार से भी ड्रोन की घुसपैठ आए दिन हो रही है।