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भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलकर किया जा सकता है बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना: मोदी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 24 2021 2:44PM | Updated Date: Jul 24 2021 2:44PM
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भगवान बुद्ध कोरोना महामारी के इस संकटपूर्ण समय में और भी ज्यादा प्रासंगिक हैं और उनके बताए गए मार्ग पर चलकर बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है। मोदी ने शनिवार को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लेते हुए कहा ,‘‘आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने यह करके दिखाया है।
 
बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं, एक दूसरे की ताकत बन रहे हैं। इस दिशा में 'इंटरनेशनल बुद्धिष्ट कनफेडरेशन' का 'केयर विथ प्रेयर इनिशिएटिव' ये भी बहुत प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि धम्मपद कहता है ,‘‘वैर से वैर शांत नहीं होता। बल्कि वैर अवैर से, बड़े मन से, प्रेम से शांत होता है। त्रासदी के समय में दुनिया ने प्रेम की, सौहार्द की इस शक्ति को महसूस किया है। बुद्ध का ये ज्ञान, मानवता का ये अनुभव जैसे जैसे समृद्ध होगा, विश्व सफलता और समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छूएगा।’’ प्रधानमंत्री ने देशवासियों को इस अवसर की शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘‘आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था। हमारे यहाँ कहा गया है, जहां ज्ञान है वहीं पूर्णता है, वहीं पूर्णिमा है।
 
और जब उपदेश करने वाले स्वयं बुद्ध हों, तो स्वाभाविक है कि ये ज्ञान संसार के कल्याण का पर्याय बन जाता है। त्याग और तितिक्षा से तपे बुद्ध जब बोलते हैं तो केवल शब्द ही नहीं निकलते, बल्कि धम्मचक्र का प्रवर्तन होता है। तब उन्होंने केवल पाँच शिष्यों को उपदेश दिया था, लेकिन आज पूरी दुनिया में उन शब्दों के अनुयायी हैं, बुद्ध में आस्था रखने वाले लोग है।’’ उन्होंने कहा कि सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दु:ख के बारे में बताया, दु:ख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दु:खों से जीता जा सकता है, और इस जीत का रास्ता भी बताया। भगवान बुद्ध ने हमें जीवन के लिए अष्टांग सूत्र, आठ मंत्र दिये। 
 
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