पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि पेगासस फोन टैपिंग मामले में यदि कांग्रेस नेता राहुल गांधी या किसी अन्य नागरिक को लगता है कि उनपर निगरानी रखी जा रही है, तो उन्हें बयानबाजी के बजाय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए । मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘पेगासस जासूसी मामले में कोई सच्चाई नहीं है, लेकिन यदि राहुल गांधी या किसी नागरिक को लगता है कि उस पर निगरानी रखी जा रही है, तो उन्हें आइटी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए। राहुल गांधी इस मुद्दे पर बयानबाजी और गृह मंंत्री का इस्तीफा मांगने की सतही राजनीति करने के बजाय पुख्ता सुबूत के साथ अदालत क्यों नहीं जाते।" भाजपा सांसद ने कहा कि वर्ष 2019 में भी फोन टैपिंग का मामला उठाया गया था, लेकिन वह फुस्स हो गया।
उन्होंने कहा कि एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार में देश की सीमाएं लोकतंत्र और नागरिकों की निजता पूरी तरह सुरक्षित है।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद पर नरमी और भ्रष्टाचार-घोटालों में तेजी के चलते सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अब तक या तो बिना सबूत के आरोप लगा कर अपनी भद पिटवायी या ऐसे बयान दिये, जो पाकिस्तान, चीन और देश के भीतर सक्रिय भारत विरोधी ताकतों को पसंद आये। उन्होंने कहा कि श्री गांधी ने राफेल विमान सौदे में घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर तक कहा लेकिन इस अनर्गल बयान के लिए उन्हें उच्चतम न्यायालय में माफी मांगनी पड़ी। राफेल मामले में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने क्लीनचिट दी और उच्चतम न्यायालय ने इस सौदे के विरुद्ध सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।