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DRDO ने किया नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण, सेना की बढ़ेगी ताकत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 23 2021 7:43PM | Updated Date: Jul 23 2021 7:45PM
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डेस्क: भारत ने ओडिशा के अपतटीय क्षेत्र में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से शुक्रवार को सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यह परीक्षण तीव्र गति वाले एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को निशाना बनाकर किया जिसे मिसाइल ने सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण आईटीआर के लांच पैड-3 से किया गया जिसके लिए बहुकार्य रडार, कमान, नियंत्रण, संचार प्रणाली और प्रक्षेपक सहित समूची प्रणाली तैनात की गई। सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के दौरान मिसाइल ने तेज गति वाले और संवेदनशील हवाई लक्ष्यों पर निशाना साधने से जुड़ी क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन किया।

संगठन के प्रवक्ता ने कहा, 'रेडियो फ्रीक्वेंसी यंत्र से लैस मिसाइल ने तीव्र गति वाले हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।' सूत्रों ने कहा कि दो दिन पहले 21 जुलाई को भी चांदीपुर स्थित आईटीआर के इसी लॉंच पैड से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया गया था, लेकिन इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी यंत्र का इस्तेमाल नहीं किया गया था। इस दौरान मिशन के सभी मानक प्राप्त कर लिए गए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और संबंधित उद्यम को तीन दिन के भीतर आकाश-एनजी के दूसरे सफल परीक्षण पर बधाई दी। यह मिसाइल प्रणाली डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के सहयोग से रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद ने विकसित की है। परीक्षण खराब मौसम में किया गया जिससे मिसाइल के सभी मौसम परिस्थितियों में काम करने की क्षमता साबित हुई है।

मिसाइल का उड़ान विवरण जुटाने के लिए आईटीआर ने इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार एवं टेलीमेट्री सहित कई रेंज स्टेशन तैनात किए थे। सूत्रों ने कहा कि इन प्रणालियों के माध्यम से जुटाए गए पूर्ण उड़ान विवरण ने प्रणाली के त्रुटिरहित प्रदर्शन की पुष्टि की है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने उच्च मानक का कौशल प्रदर्शन किया जो तीव्र गति वाले शत्रु हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए आवश्यक है। मिसाइल परीक्षण पर भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने भी नजर रखी। वायुसेना में शामिल होने पर आकाश-एनजी मिसाइल, बल की हवाई रक्षा क्षमता में कई गुना वृद्धि करने वाली साबित होगी। परीक्षण में विनिर्माण एजेंसियां-भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने भी भागीदारी की। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी आकाश-एनजी के सफल परीक्षण पर संबंधित टीम को बधाई दी।

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