भुवनेश्नर। भारत ने ओडिशा परीक्षण रेंज से जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली आकाश के नए संस्करण का शुक्रवार को सफल परीक्षण किया है। पिछले दो दिनों में यह दूसरी बार है जब 30KM की मारक क्षमता वाले एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा परीक्षण किया गया है। आकाश मिसाइल को DRDO की हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला ने अनुसंधान संगठन की अन्य शाखाओं के साथ मिलकर विकसित किया है।
DRDO ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से आज करीब 11 बजकर 45 मिनट पर नई संस्करण के आकाश (आकाश-एनजी) मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने एक उच्च गति वाले मानवरहित हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक रोक दिया था।' DRDO ने कहा, 'आकाश-एनजी के आज के उड़ान परीक्षण ने स्वदेशी रूप से विकसित रडार, लॉन्चर, मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड, कंट्रोल और संचार तंत्र के साथ मिसाइल से युक्त संपूर्ण हथियार प्रणाली के कामकाज को मान्यता दी है।' आकाश मिसाइल का नया संस्करण 60 किलोमीटर की दूरी तक की मारक क्षमता रखता है और यह मैक 2।5 की गति से उड़ान भरने में सक्षम है।
सभी मौसम में हथियार प्रणाली की क्षमता को साबित करने के मकसद से खराब मौसम की स्थिति के बीच मिसाइल का परीक्षण किया गया था। मिसाइल की उड़ान से जुड़े आंकड़े रिकॉर्ड रखने के लिए चांदीपुर स्थित आईटीआर ने कई निगरानी प्रणाली, जैसे एलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली, रडार और टेलीमेट्री का उपयोग किया। प्रणालियों द्वारा एकत्र आंकड़ों/डेटा के आधार पर पूरी हथियार प्रणाली में कोई गड़बड़ी नहीं होने की पुष्टि हुई है। डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की एक टीम ने भी परीक्षण देखा। तैनात किए जाने पर आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायुसेना की हवाई रक्षा क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाला साबित होगा। परीक्षण में विनिर्माण एजेंसियां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने भी हिस्सा लिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, बीईएल और बीडीएल को मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी। डीआरडीओ के अध्यक्ष जी। सतीश रेड्डी ने मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए उसमें शामिल टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल भारतीय वायुसेना को मजबूती प्रदान करेगा।