नई दिल्ली। भारती नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित भागीरथी अम्मा का आज 23 जुलाई को 107 साल की उम्र में निधन हो गया है। भागीरथी अम्मा ने दो साल पहले यानी 105 वर्ष की उम्र में चौथी कक्षा पास कर रिकॉर्ड बनाया था। भागीरथी अम्मा 105 साल की उम्र में सबसे अधिक उम्र की चौथी पास करने वाली छात्रा थीं। इसी को देखते हुए भागीरथी अम्मा को भारती नारी शक्ति पुरस्कार से भी नवाजा गया था। भगीरथी अम्मा केरल के कोल्लम जिले की मूल निवासी थीं। 23 जुलाई की सुबह उनका निधन हुआ है। पिछले एक महीने से भागीरथी अम्मा उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं।
PM नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में भागीरथी अम्मा को उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई दी थी।पीएम मोदी ने मन की बात में कहा था, "अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, तो हमें अपना विकास खुद करना चाहिए, यदि हम जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो उसके लिए पहली शर्त यह है कि हमारे भीतर के छात्र को कभी नहीं मरने देना चाहिए। भगीरथी अम्मा केरल राज्य साक्षरता मिशन की सबसे पुरानी समकक्षता पाठ्यक्रम की छात्रा थीं। साक्षरता मिशन के निदेशक पीएस श्रीकला ने भगीरथी अम्मा के बारे में कहा था कि अम्मा केरल साक्षरता मिशन के अब तक के इतिहास सबसे अधिक उम्र वाली समकक्ष शिक्षा हासिल करने वाली व्यक्ति बन गई हैं। केरल राज्य साक्षरता मिशन द्वारा आयोजित परीक्षा में भगीरथी अम्मा को 74.4% अंक मिले थे। परीक्षा के दौरान गणित में उन्हें 100 नंबर मिले थे। दिलचस्प बात ये है कि भगीरथी अम्मा कक्षी सातवीं की परीक्षा देने की तैयार कर रही थीं।
भागीरथी अम्मा ने महिला राज्य साक्षरता मिशन द्वारा कोल्लम में आयोजित परीक्षा में कुल 275 अंकों में से 205 अंक हासिल किए थे। दिग्गज मलयालम अभिनेता केटीएस पदन्नयिल का 88 वर्ष की उम्र में निधन, कॉमेडी फिल्मों के लिए थे मशहूर भागीरथी अम्मा को बचपन से ही पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था। लेकिन बहुत कम उम्र में भागीरथी अम्मा की मां का देहांत हो गया था। जिसके बाद वह अपने भाई-बहनों को पालने-पोषण में लग गई थीं।अम्मा ने 9 साल की उम्र में तीसरी कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्कूल छोड़ दिया था। जब भागीरथी अम्मा की शादी हुई तो 30 साल की उम्र में उनके पति का भी निधन हो गया था।उसके बाद पढ़ाई का उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। लेकिन उन्हें जैसी ही मौका मिला, उन्होंने अपनी जिंदगी की आखिरी पड़ाव में पढ़ाई का शौक पूरा किया और 105 साल की उम्र में उन्होंने चौथी कक्षा पास कर लोगों के सामने मिसाल कायम की।