नई दिल्ली। यूरोपीय संघ और भारत ने समुद्री लुटेरों के खिलाफ अदन की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया है। गत शुक्रवार और शनिवार को हुए दो दिन के इस अभ्यास में नौसेना फ्रिगेट आईएनएस त्रिकंद ने हिस्सा लिया। दूसरी ओर यूरोपीय संघ नौसेना बल सोमालिया -ऑपरेशन अटलांटा नौसैनिक पोतों ने हिस्सा लिया जिनमें इतालवी युद्धपोत कैराबिनियर (अटलांटा का फ्लैगशिप पोत) , स्पेनिश युद्धपोत नवारा, फ्रांसीसी युद्धपोत सुरकौफ , ज़ल-थल और नभ सभी के लिए कारगर फ्रांसीसी अटैक हेलीकाप्टर कैरियर टोनरे शामिल थे। यह अभ्यास समुद्री लुटेरों के खिलाफ अभियान की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया था। इसमें क्रॉस-डेक हेलिकॉप्टर लैंडिंग, समुद्र में जटिल सामरिक युद्धाभ्यास, लाइव फायरिंग, रात के समय संयुक्त गश्त और सोमालिया के तट के करीब खुले समुद्र में एक नौसैनिक परेड शामिल थी।
यूरोपीय संघ और भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र, खुली, समावेशी और नियम आधारित व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, लोकतंत्र, कानून के शासन, पारदर्शिता, नौवहन की स्वतंत्रता और ओवरफ्लाइट, बेरोक-टोक वैध वाणिज्य और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के सम्मान पर टिकी है। यूरोपीय संघ और भारत ने समुद्री सुरक्षा पर गत जनवरी में बातचीत शुरू की और इस क्षेत्र में अपनी बातचीत और सहयोग को गहरा करने पर सहमति जताई। यूरोपीय संघ और भारत संयुक्त नौसैनिक अभ्यास और बंदरगाहों की यात्रा सहित समुद्र में अपने अभियान संबंधी सहयोग को मजबूत बनाने और संचार के समुद्री क्षेत्रों की रक्षा करने का इरादा रखते हैं। वे आपसी समन्वय और आदान-प्रदान के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री क्षेत्र जागरूकता को बढ़ावा देने का भी इरादा रखते हैं।