नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार कमजोर पड़ गई है। कोरोना वायरस संक्रमण का कहर अब कम होने भारत को राहत का बरकरार है। जहां हर रोज एक लाख से कम मामले दर्ज हो रहे हैं तो वहीं मौतों की संख्या भी दो हजार के नीचे आ चुके हैं। हालांकि कोरोना वायरस की दूसरी लहर भले ही काबू में हो, मगर तीसरी लहर की आहट भी सुनाई पड़ने लगी है। हर दिन केसों की संख्या में गिरावट हो रही है और रिकवरी रेट बढ़ रहे हैं। लेकिन इसी के साथ देश के कई बड़े डॉक्टरों ने कोरोना की तीसरी लहर को चेतावनी दी है। दिल्ली एम्स के मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर नीरज निश्चल ने कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर चेताया है। उन्होंन कहा है कि अगर हमें कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो नहीं किया तो कोरोना की तीसरी लहर भी जल्द आएगी। इससे पहले एम्स के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि भारत में आने वाले 6 से 8 हफ्तों में कोरोना वायरस की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है।
प्रोफेसर नीरज निश्चल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहपर दो महत्वपूर्ण कारणों की वजह से आई थी। एक है- वायरस से संबंधित और दूसरा है- मानव संबंधी। अब वायरस का म्यूटेशन तो हमारे नियंत्रण से बाहर है। लेकिन मानव संबंधी कारण तो हम कोविड उपयुक्त व्यवहार के माध्यम से कंट्रोल कर सकते हैं। कोरोना की तीसरी लहर की रफ्तार धीमी करनी है तो हमें कोविड-19 नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। किसी भी तरह से कोई लापरवाही नहीं बरतनी होगी।
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने शुक्रवार (18 जून) को एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि जब हम कोरोना की दूसरी लहर को कम होता देख अनलॉक की प्रक्रिया की ओर बढ़ रहे हैं तो लोगों में फिर से लापरवाही देखी जा रही है। लोगों फिर से कोविड संबंधी व्यवहार का पालन नहीं कर रहे है। फिर से भीड़ देखने को मिल रही है। ऐसा लगता है मानों किसी ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर से कुछ सबक ही नहीं लिया है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगले 6 से 8 हफ्तों में फिर से कोरोना की तीसरी लहर आ जाएगी। ऐसा हो सकता है कि तीसरी लहर को आने में और भी वक्त लग जाए लेकिन कोविड संबंधी व्यवहार के प्रति लापरवाही से इसका आना तो तय है।