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चीन के साइबर जासूसों के निशाने पर भारत, टेलिकॉम समेत कई सेक्टरों को टारगेट कर रहा ड्रैगन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 19 2021 12:21AM | Updated Date: Jun 19 2021 12:22AM
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नई दिल्‍ली। भारत के खिलाफ लगातार साजिश रचने वाला चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फ‍िर उसकी एक गंदी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। चीन की सेना ने भारतीय दूरसंचार कंपनियों, सरकारी एजेंसियों और कई रक्षा कॉन्‍ट्रैक्‍टर्स को निशाना बनाया है। एक साइबर थ्रेट्स इंटेलिजेंस कंपनी ने गुरुवार को यह साजनकारी साझा की है। अमेरिका के एक रिपोर्ट में चीन के जासूसी ऑपरेशन्स के सबूत हैं। इसमें आगे कहा गया है कि चीन का यह अभियान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक विशिष्ट इकाई से जुड़ा था।

यूएस के मुख्यालय के तहत आने वाले रिकॉर्डेड फ्यूचर की ओर से ये निष्कर्ष प्रकाशित की गई थी, जिसने इस साल की शुरुआत में बिजली और बंदरगाह क्षेत्रों में भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को टारगेट करने वाले निरंतर चीनी साइबर संचालन के साक्ष्य की सूचना दी थी।

मार्च में उजागर हुई इस यूनिट को रेडइको कहा गया, जबकि नए समूह की पहचान रेडफॉक्सट्रोट के रूप में की गई है।रिकॉर्डेड फ्यूचर के इंसिक्ट ग्रुप ने संदिग्ध चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित समूह के रूप में पहचान की गई है। इसे रेडफॉक्सट्रोट (RedFoxtrot) के रूप में चिन्हित किया जा रहा है।

रेडफॉक्सट्रोट ने 2020 और 2021 के दौरान कई भारतीय संगठनों को अपना निशाना बनाया था। रिकॉर्डेड फ्यूचर के इंसिक्ट ग्रुप का दावा हे कि भारत के भीतर विशेष रूप से हमने पिछले छह महीनों में दो दूरसंचार संगठनों, तीन रक्षा कॉन्टैक्टर्स और कई अतिरिक्त सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के संगठनों को सफलतापूर्वक टारगेट करने वाले समूह की पहचान की है।

इंसिक्ट के एक प्रतिनिधि ने बताया कि ड्रैगन की ओर से खास तौर पर यह गतिविधि भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव के समय हुई थी। एक अलग ब्लॉग पोस्ट में रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा कि ये निष्कर्ष नेटवर्क ट्रैफ‍िक के विश्लेषण, हमलावरों द्वारा उपयोग किए गए मैलवेयर के फूटप्रिंट, डोमेन पंजीकरण रिकॉर्ड और संभावित लक्ष्यों से डेटा ट्रांसमिसिंग करने पर आधारित थे। बताया जा रहा है इन चीनी हमलों में एनटीपीसी के प्लांट्स भी शामिल थे।

वर्ष 2015 में पीएलए के पुनर्गठन के बाद से ज्यादा घातक तरीके से साइबर हमलों में सक्रिय है। बड़े पैमाने पर स्वचालित नेटवर्क ट्रैफिक विश्लेषक और विशेषज्ञ 'रिकार्डेड फ्यूचर' ने अपनी जांच में पाया कि एशियाई देशों की सीमाओं के परे यह साइबर हमले किए जा रहे थे। यह हमले वर्ष 2014 से जारी हैं। रेडफाक्सट्रॉट ने पीएलए की यूनिट 69010 की साठगांठ से भारत के रक्षा, एयरोस्पेस, सरकार, दूरसंचार से लेकर सभी अहम प्रतिष्ठानों पर निशाना लगाया है।

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