नई दिल्ली। नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर में गतिरोध के बीच माइक्रोब्लॉगिंग साइट के अधिकारियों ने शुक्रवार को संसदीय समिति के सामने सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने को लेकर उठाए गए कदमों पर अपना पक्ष रखा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने पिछले हफ्ते इस प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग से संबंधित मसलों पर ट्विटर को तलब किया था।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर इंडिया की लोक नीति प्रबंधक शगुफ्ता कामरान और विधिक परामर्शदाता आयुषी कपूर ने शुक्रवार को समिति के समक्ष अपना पक्ष रखा। सूत्रों के मुताबिक, संसदीय पैनल के सदस्यों ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई कि वे अपनी नीतियों का पालन करते हैं। संसदीय समिति ने ट्विटर से दो-टूक ने कहा कि कानून का शासन ही सर्वोच्च है।
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय पैनल के सदस्यों ने ट्विटर से यह भी पूछा कि उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि उसे नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है। सूत्रों ने बताया कि पैनल के सदस्यों ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से कठिन सवाल पूछे लेकिन उनके जवाब में स्पष्टता का अभाव था। सूत्रों की मानें तो संसदीय समिति के सामने ट्विटर के अधिकारी अस्पष्ट थे।