नई दिल्ली। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच एक सुकून देने वाली खबर निकलकर सामने आ रही है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी थेरेपी विकसित की है, जो 99.9% कोरोना पार्टिकल्स को मारने में सक्षम है। ऑस्ट्रेलिया के मेन्जीस हेल्थ इंस्टीट्यूट क्वींसलैंड के अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने इस थेरेपी को विकसित किया है, जिनका दावा है कि यह खोज कोरोना के खिलाफ जंग में कारगर साबित हो सकती है।
एक रिसर्च के मुताबिक यह थेरेपी पहले कोरोना पार्टिकल्स की पहचान करती है और उसके बाद उन पर हमला बोल देती है। इस थेरेपी के शोध में शामिल प्रोफेसर निगेल मैकमिलन का कहना है कि यह अभूतपूर्व ट्रीटमेंट वायरस को प्रतिकृति बनाने से रोकता है और इसकी मदद से कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
प्रोफेसर के मुताबिक यह एक ऐसा खोज है जिसका मिशन ही खोजो और नष्ट करो है। उन्होंने कहा कि हम इस थेरेपी की मदद से किसी व्यक्ति के फेफडों में मौजूद कोरोना वायरस को डिटेक्ट करके उसे नष्ट कर सकते हैं। मैकमिलन ने बताया कि यह थेरेपी जीन-साइलेंसिंग नामक चिकित्सा तकनीक पर आधारित है, जिसे पहली बार 1990 के दशक के दौरान ऑस्ट्रेलिया में खोजा गया था।