नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि जिन लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है, वह एक तरीके से मुक्त हो गए हैं। अब उनके इस बयान की आलोचना भी हो रही है। बिहार के नेता पप्पू यादव ने भी भागवत की इस टिप्पणी पर कटाक्ष भरा ट्वीट किया है।
अपने ट्वीट में पप्पू यादव लिखते हैं, 'भागवत जी, जाके पांव न फटी बिवाई वो क्या जाने पीर पराई! जिनके अपने गए हैं न,उन्हें मुक्त होने का ज्ञान न बांचे! आप भी तो कोरोना पॉजिटिव हुए थे, तब फाइव स्टार हॉस्पिटल में क्यों भर्ती हुए, मुक्त होने का ही इंतज़ार करते! ऐसा क्रूर बयान दे अपनी असलियत न दिखाएं!'
अपने दूसरे ट्वीट में पप्पू लिखते हैं, 'कैसी व्यवस्था है? कैसा लोकतंत्र है? लॉक डाउन में जनप्रतिनिधियों को घरों में कैद कर दिया गया है?अधिकारियों को खुली छूट दे दी गयी है? तभी तो जब लोग बिना ऑक्सीजन के मर रहे होते हैं, तब ये अधिकारी ऑक्सीजन प्लांट लगाने का टेंडर निकालते हैं। धान को गेंहू, लहसुन को मूली बता देते हैं!'
अपने अन्य ट्वीट में वह लिखते हैं, 'CT Scan, MRI के लिए दरभंगा के लिए मेदांता मेडिसिटी में ले जाया गया। डॉक्टरों ने बेहतर उपचार के लिए इस टेस्ट को जरूरी बताया था। बिहार के कोरोना पीड़ित, आम मरीजों को बेहतर से बेहतरीन उपचार हो सके, मेरी यही लड़ाई है। सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त करना होगा। तभी आम लोगों न्याय मिलेगा।'
पप्पू को 32 साल पुराने मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले उन्होंने भाजपा नेता के परिसर से 39 एंबुलेंस बेकार खड़ी होने का मुद्दा उठाया था। इसको लेकर सियासत भी तेज हो गई है। उनकी पत्नी रंजीत रंजन ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी नहीं छोड़ा है। कांग्रेस नेता रंजीत रंजन का कहना है कि भाजपा को राजनीति-राजनीति खेलना बंद करना होगा। उन्होंने अपने पति की सेहत और उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भेजे जाने पर भी सवाल उठाए हैं।