नई दिल्ली। देश मे घातक वायरस के चलते अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन का संकट गहराया हुआ है। हालांकि केंद्र से लेकर राज्य सरकारें कोविड पर काबू पाने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी हुई हैं। इस बीच श्री श्री रविशंकर के मार्गदर्शन में उनके द आर्ट ऑफ लिविंग संगठन ने एक अनोखी पहल शुरू की है। इस पहल का नाम उन्होंने ‘मिशन जिंदगी’ रखा है, जिसका उद्देश्य कोरोना पीड़ितों को मदद पहुंचाना बताया जा रहा है। द आर्ट ऑफ लिविंग एक बहु पक्षीय, बिना किसी लाभ वाली शैक्षिक और मानवतावादी गैर सरकारी संस्था है जो 156 से ज़्यादा देशों में मौजूद है। श्री श्री रविशंकर द्वारा 1982 में संस्थापित है।
संस्थापक की हिंसा रहित, तनाव रहित वसुदेव- कुटुम्बकम की दृष्टि से प्रेरित होकर संस्था मानवता के उद्धार और जीवन के स्तर में सुधार की बढ़ोत्तरी के कई पहल करने में लगी हुई है। संस्था का उद्देश्य है कि व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्र और सम्पूर्ण विश्व के स्तर पर शांति स्थापित करना। उसके कार्य क्षेत्र में द्वंद समाधान, आपदा और आघात में सहायता, गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, कैदियों का पुन:स्थापन, सबके लिए शिक्षा, महिला भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान और बाल श्रमिक और पर्यावरण की निरंतर स्थिरता सम्मिलित है।
श्री श्री का शांति का मार्गदर्शक सिध्दान्त कि जब तक हमारा तनाव रहित मन और हिंसा रहित समाज नहीं होगा तो हम विश्व शांति को प्राप्त नहीं कर सकते। द आर्ट ऑफ लिविंग कई तनाव निष्कासन और स्वयं के विकास के लिए कार्यक्रम प्रस्तुत करता है जो अधिकांश श्वास तकनीक, ध्यान और योग पर आधारित है। इन कार्यक्रमों ने हजारों लोगों को विश्वभर में निराशा, हिंसा और आत्महत्या करने प्रवृत्ति से निकलने में मदद की है।
द आर्ट ऑफ लिविंग संगठन की इस पहल के लिए फिल्म, टीवी बिरादरी के कलाकार व पेशेवर हाथ मिला रहे हैं। श्री श्री रविशंकर ने गुरुवार को ग्लोबल मेडिटेशन और शांति के लिए मंत्रोच्चार किया। इसके बाद मिशन जिंदगी पहल की घोषणा की गई। दरअसल, 13 मई को रविशंकर का 65वां जन्मदिन था। इस अवसर पर वर्चुअल रूप से लगभग 4।5 लाख लोग एक साथ शामिल हुए। श्री श्री रविशंकर ने वॉलिंटियर्स और शिक्षकों को संबोधित करते हुए महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए सभी को प्रतिदिन ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री श्री रविशंकर ने कहा-
“ध्यान सांत्वना और शक्ति लाता है, जो लोग दुखी हैं उन्हें सांत्वना की जरूरत होती है और जो स्थिति को संभालने के लिए कमजोर महसूस करते हैं, उन्हें ताकत की जरूरत होती है। ध्यान आपको दोनों देता है।” उन्होंने इस कठिन समय में हजारों आर्ट ऑफ लिविंग के वॉलिंटियर्स के योगदान को भी स्वीकार किया। श्री श्री रविशंकर ने मिशन जिंदगी की घोषणा करते हुए ट्वीट किया कि इस समय यह प्रासंगिक है कि हम सभी एक साथ आएं और अपने लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और जीवंतता को बहाल करने में मदद करने के लिए अपना हाथ बढ़ाएं। यह उन लोगों को एक मंच प्रदान करेगा जिन्हें मदद की जरूरत है।
आर्ट ऑफ़ लिविंग के वॉलिंटियर्स पहले से ही भारत भर के कई शहरों में COVID-19 से प्रभावित लोगों और परिवारों को युद्धस्तर पर सेवा दे रहे हैं। उनके पास अस्पताल में बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, पकाया हुआ भोजन, डॉक्टर से परामर्श और आवश्यक मार्गदर्शन जैसी चींजे पहुंचा रहें हैं। अब इन सभी तमाम पहल को देश भर में व्यापक स्तर पर शुरुआत करने की योजना बनाई गई है। बताया गया है कि मिशन जिंदगी 17 मई से शुरू होगा, जिसमें हॉस्पिटल का अपडेट, ऑक्सीजन बैंक, एंबुलेंस, डॉक्टर ऑन कॉल, मेंटल एंड इमोशनल हेल्थ, फूड और इम्यूनिटी किट जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। रमपूज्य श्री श्री रविशंकर जी की दृष्टि जो एक सम्पूर्ण निरंतर और स्थिर सामाजिक विकास की है। जो कि इनके मार्गदर्शन में द आर्ट ऑफ लिविंग विश्व भर में दूर तक पहुंच कर समुदाय सशक्तिकरण कार्यक्रमों को चलाती है। इन कार्यक्रमों का केन्द्र बिन्दु लोगों में स्वयं के लिए सम्मान पैदा करना जो अविकसित भाग से है और उन्हें इस निरंतर और स्थिर विकास की प्रक्रिया में भागीदार बनाना।