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एरियल पैसेंजर रोपवे स्स्टिम के भूमि उपलब्ध कराने की मंजूरी देने पर निशंक ने मोदी का जताया आभार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 12 2021 6:18PM | Updated Date: May 12 2021 6:18PM
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नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज मंत्रिमंल की बैठक में देहरादून-मसूरी के बीच 5580 मीटर लंबे एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाज़ार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ रावत का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस परियोजना से उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा एवं विकास को मजबूती मिलेगी।
 
निशंक ने कहा कि केन्द्र सरकार की इस परियोजना को पीपीपी मोड के तहत विकसित किया जाएगा। इसके लोअर टर्मिनल की ऊँचाई 958.20 मीटर होगी जबकि अपर टर्मिनल स्टेशन की ऊँचाई 1996 मीटर है।  258 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस रोपवे की यात्री वहन क्षमता एक तरफ से 1000 यात्री प्रति घंटा है। इस रोपवे के बनने के बाद राज्य के पर्यटन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा और इससे राज्य के विकास को भी गति मिलेगी।
 
उन्होंने कहा कि देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना की परिकल्पना इस प्रकार की गई है की वह उत्तराखंड राज्य में पर्यटन के लिए अवसंरचनात्मक उत्कृष्टता का नमूना बने। यह विश्व का पांचवा सबसे लंबा मोनो-केबल डीटैचेबल पैसेंजर रोपवे में से एक होगा और इसका काम पूरा हो जाने पर यह देहरादून से मसूरी की यात्रा का समय घटकर 20 मिनट कर देगा। इस परियोजना के सार्वजनिक-निजी (पीपीपी) भागीदारी परियोजना होने के कारण, यह राज्य सरकार के लिए राजस्व का प्रमुख स्त्रोत बनेगा. यह रोपवे हर मौसम के अनुकूल होगा और यह विश्व स्तरीय अवसंरचना घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगी एवं राज्य की जीडीपी में योगदान देगी।
 
केंद्र सरकार की इस परियोजना के माध्यम से 350 प्रत्यक्ष रोजगार और 1500 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना की मदद से हम उत्तराखंड में बढ़ते प्रदूषण को भी रोक सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री का आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होनें इस परियोजना के लिए आईटीबीपी की जमीन के हस्तांतरण को समय पर मंजूरी दे दी। इससे इस परियोजना को जल्दी पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।’’ 
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