श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने टेरेटोरियल आर्मी के जवान (हवलदार) सलीम अखून के हत्या के लिए जिम्मेदार दो आतंकियों को मार गिराया है। भारतीय सेना की नॉर्देन कमांड ने बताया कि दो AK47 भी बरामद की गई हैं। शुक्रवार को श्रीनगर के करीब बिजबेहरा इलाके में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने छुट्टी पर अपने घर गए टेरेटोरियल आर्मी के सैनिक मोहम्मद सलीम अखून की गोली मारकर हत्या कर दी। 35 साल के सलीम अखून अनंतनाग में तैनात थे और पिछले कई सालों से आतंक विरोधी ऑपरेशन्स में बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे थे।
काउंटर इनसर्जेंसी और काउंटर-टेरेरिज्म (सीआई-सीटी) ऑपरेशन्स में उनके बेहतरीन योगदान को देखते हुए हवलदार सलीम अखून को तीन बार सेना प्रमुख ने चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड से नवाजा था। कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर उन्हें धमकी भी दी गई थी। बावजूद इसके वे आतंकियों के सफाए में लगे हुए थे। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की शाम करीब 5 बजे हवलदार सलीम अखून अपने घर पर मौजूद थे। उसी वक्त दो आतंकियों ने घर में घुसकर उन पर गोलियां चला दीं। गोली उनके सिर में लगी थीं।
गंभीर हालत में सलीम को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हवलदार सलीम भारतीय सेना की टीए-162 बटालियन से ताल्लुक रखते थे और इन दिनों अनंतनाग में 1आरआर (राष्ट्रीय राईफल्स) की क्यूआरटी टीम में तैनात थे। 22 मार्च से वे 40 दिनों की छुट्टी पर थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं, जिनमें 9 साल की बेटी और 6 साल का बेटा है। सेना में शामिल होने से पहले वे एक इखवानी थे, यानी एक सरेंडर आतंकी थे, जो सेना और सरकार की आतंकियों के खिलाफ मदद करते थे।