बीकानेर। राजस्थान में रेगिस्तानी इलाके महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन पर केंद्रित भारत अमरीका संयुक्त प्रशिक्षण युद्धाभ्यास रविवार को सम्पन्न हो गया। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंटन कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सैन्य टुकडियों में बेहतर सामंजस्य एवं आपसी सद्भाव की स्थापना के साथ साथ उग्रवाद विरोधी अभियानों एवं सामरिक कार्यवाहियों को सफलतापूर्वक अंजाम देना था। इस युद्ध अभ्यास ने दोनों सैन्य टुकडियों को एक दूसरे के युद्ध कौशल एवं कार्य प्रणाली समझने का बेहतरीन अवसर प्रदान किया है।
उन्होंने कहा कि युद्ध अभ्यास के चरण में तकनीकी कौशल एवं युद्ध जैसे हालात में कार्रवाई शामिल थी। दोनों सैन्य टुकडियों ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। प्रथम चरण में हासिल किए गए अनुभव एवं सामरिक क्रियाकलाप को दोनों सैन्य दस्तों ने द्वितीय चरण में जमीनी हालात में जांचा और परखा। दोनों सैन्य टुकडियों ने 54 घंटे की वैलिडेशन अभ्यास की कार्रवाई को सामूहिक रूप से सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
ले. कर्नल शर्मा ने कहा कि इस अभ्यास में विभिन्न काउंटर आतंकवादी अभियानों की योजना और निष्पादन शामिल था। इस वैलिडेशन अभ्यास को अमरीकी सेना के मेजर जनरल डैनियल मैक डैनियल, डिप्टी कमांडर जनरल, यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी पैसिफिक और मेजर जनरल जेवियर ब्रूनसन, जनरल ऑफिसर कमाडिंग, सात इन्फैंट्री डिवीजन और भारतीय सेना के मेजर जनरल माईकल फर्र्नांडीज एवं मेजर जनरल गुरप्रीत सिंह, जनरल ऑफिसर कमाडिंग, रणबांकुरा डिवीजन द्वारा देखा और परखा गया। इस युद्धअभ्यास के दौरान भारतीय सेना में हाल ही में शामिल हुए नए स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर डब्ल्यूएसआई 'रुद्र', एमआई.17, चिनूक, अमरीकी सेना के स्ट्राइकर वाहन और भारतीय सेना के बीएमपी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल का भी उपयोग किया गया।
इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संयुक्त युद्धअभ्यास में भारतीय सेना के 'सप्तशक्ति कमान' की 11 जैक राईफल्स बटालियन ने भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व किया जबकी अमरीकी सेना के दस्ते का प्रतिनिधित्व 2 बटालियन, 3 इन्फैंट्री रेजिमेंट, 1-2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम जो कि 7वीं इन्फैंट्री डिवीजन का हिसा है द्वारा किया गया। यह समापन समारोह संयुक्त सैन्य युद्धअभ्यास-20 के सफलतापूर्वक पूरा होने पर आयोजित किया गया। दोनों देशों की समृद्ध संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला भी दोनों सेनाओं द्वारा देखी गई। यह संयुक्त युद्धाभ्यास भारत-अमरीका संबंधों के साथ-साथ आतंक पर वैश्विक युद्ध की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।