चेन्नई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को कहा कि ईंधन के बढ़ते दाम को देखते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय ने लिथियम आयन (Lithium Ion) और हाइड्रोजन सेल (Hydrogen Cell) जैसे वैकल्पिक ईंधन के क्षेत्र में संभावना टटोलने के लिए कदम उठाया है। केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान में चमड़ा संकुल का उद्घाटन करते हुए उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि एल्युमीनियम आयन और स्टील आयन बैटरी पर भी चर्चा की जा रही है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) मंत्री गडकरी ने कहा, 'मेरा सुझाव यह है कि देश में वैकल्पिक ईंधन अपनाने का समय है। मैं भारत में अतिरिक्त बिजली की उपलब्धता के साथ ईंधन के रूप में इसके उपयोग पर जोर देता रहा हूं और अब 81 प्रतिशत लिथियम आयन बैटरी भारत में बन रहे हैं।' उन्होंने कहा कि मंत्रालय हाइड्रोजन ईंधन सेल विकिसत करने के कार्य में भी लगा है।
गडकरी ने कहा, 'हम जीवाश्म ईंधन के विकल्प पर काम कर रहे हैं। क्योंकि यह देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है।' फिलहाल देश 8 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन का आयात करता है। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि वैश्विक बाजार में जीवाश्म ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं और भारत में 70 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन का आयात होता है।
गडकरी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में जैव-सीएनजी संचालित ट्रैक्टर को पेश किया। इसमें ईंधन के रूप में पराली, गन्ने की खोई, कपास फसल के अवशेष का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'हमें वैकल्पिक ईंधन उद्योग को तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है और तमिलनाडु कृषि के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राज्य है।' मंत्री ने कहा कि मैं राज्य सरकार से कृषि अवशेषों से ईंधन बनाने और किसानों को उससे अधिक आय प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह करता हूं।