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दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों पर सबलता, आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है भारत : मोदी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 11 2021 5:08PM | Updated Date: Feb 11 2021 5:08PM
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को अपनी सरकार की नीतियों को अंत्योदय और एकात्म मानववाद के मंत्रों पर आधारित बताया और कहा कि इन्हीं आदर्श को लेकर देश सबलता एवं आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। मोदी ने आज यहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 53वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी और भाजपा के सांसद भी उपस्थित थे। मोदी ने कहा कि हम जैसे जैसे दीनदयाल जी के बारे में सोचते हैं, बोलते हैं, सुनते हैं, उनके विचारों में हमें हर बार एक नवीनता का अनुभव होता है।
 
एकात्म मानव दर्शन का उनका विचार मानव मात्र के लिए था। इसलिए, जहां भी मानवता की सेवा एवं कल्याण की बात होगी तो दीनदयाल जी का एकात्म मानव दर्शन प्रासंगिक रहेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में एक नेता को कैसा होना चाहिए, भारत के लोकतन्त्र और मूल्यों को कैसे जीना चाहिए, दीनदयाल जी इसके भी बहुत बड़ा उदाहरण हैं। एक ओर वो भारतीय राजनीति में एक नए विचार को लेकर आगे बढ़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर, वो हर एक पार्टी, हर एक विचारधारा के नेताओं के साथ भी उतने ही सहज रहते थे। हर किसी से उनके आत्मीय संबंध थे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे शास्त्रों में कहा गया है- स्वदेशो भुवनम् त्रयम् अर्थात, अपना देश ही हमारे लिए सब कुछ है, तीनों लोकों के बराबर है। जब हमारा देश समर्थ होगा, तभी तो हम दुनिया की सेवा कर पाएंगे। एकात्म मानव दर्शन को सार्थक कर पाएंगे। दीनदयाल उपाध्याय जी ने भी यही लिखा था-‘एक सबल राष्ट्र ही विश्व को योगदान दे सकता है।’ यही संकल्प आज आत्मनिर्भर भारत की मूल अवधारणा है। इसी आदर्श को लेकर ही देश आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा और अंतिम पायदान पर खड़े हर गरीब की चिंता की।
 
आत्मनिर्भरता की शक्ति से देश ने एकात्म मानव दर्शन को भी सिद्ध किया, पूरी दुनिया को दवाएं पहुंचाईं और आज वैक्सीन पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान, भारत हथियारों के मामले में विदेशों पर निर्भर हुआ करता था। दीनदयाल जी ने उस समय कहा था कि हमें ऐसा भारत बनाने की जरूरत है जो ना केवल कृषि के क्षेत्र में बल्कि रक्षा एवं शस्त्रों के मामले में भी आत्मनिर्भर ह। आज भारत देख रहा है कि रक्षा गलियारे बनाये जा रहे हैं, स्वदेशी हथियार एवं तेजस जैसे युद्धक विमान बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ सामंजस्य का दर्शन दीनदयाल जी ने हमें दिया  था। भारत आज इंटरनेशनल सोलर अलायन्स का नेतृत्व करके दुनिया को वही राह  दिखा रहा है।
 
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