नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जिस तरह से दो विश्व युद्धों से दहलने के बाद दुनिया में शांति की नयी सोच पैदा हुई उसी तरह से कोराना से सहमे विश्व में भी बदलाव अवश्यंभावी है इसलिए विश्व में मजबूत उपस्थिति दर्ज करने के लिए भातर को कोरोना से ‘आत्मनिर्भर’ बनाने का अवसर मिला है।
मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को लोकसभा में कहा कि कोरोना के बाद दुनिया की सोच में बदलावा आएगा और यह परिवर्तन कैसा होगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन बदलाव आएगा और इस बदलाव में भारत चुप नहीं रह सकता है।
उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर आने वाले बदलाव के इस माहौल में भारत को अपनी मजबूत उपस्थिति दिखानी है। हमें यह ध्यान रखना है कि हम जनसंख्या के आधार पर दुनिया में मजबूत हैं लेकिन सिर्फ जनसंख्या के बल पर हम विश्व स्तर अपनी मजबूती को प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं इसलिए दुनिया के समक्ष अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करने के लिए हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सिद्धांत किसी राजनेता या राजनीतिक दल ने नहीं दिया है बल्कि यह सिद्धांत हमारी ‘सर्वेभवंतु सुखीना’ की सोच से मिला है। दुनिया सब सुखी रहें यह सिद्धांत हमें हमारे वेदों और उपनिषदों से मिला है और हमारे गौरव का यह भाव हमारे लिए आज आत्मनिर्भर बनने के काम आ रही है और फार्मेसी में हम आज दुनिया में सबसे आगे हैं।