नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को उत्तराखंड में बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम के लिए अध्ययन कराये जाने की मांग की गयी। भारतीय जनता पार्टी के अनिल बलूनी ने शून्यकाल के दौरान सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सात फरवरी को चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से भयावह आपदा आयी है। इसके कारण अनेक लोग हताहत और लापता हुए हैं । बिजली परियोजनाओं के साथ ही कृषि और सड़कों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ग्लेशियर टूटने और बादल फटने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही उत्तराखंड भूकंप क्षेत्र में भी आता है । उन्होंने कहा कि ग्लेशियर प्रबंधन की जरूरत है जिसके लिए अध्ययन किया जाना जरुरी है । प्रधानमंत्री ने स्वयं इस आपदा को संज्ञान में लिया है और आपदा प्रबंधन किया जा रहा है ।