नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि उत्तराखंड के शैक्षणिक विकास में हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय का बहुत बड़ा योगदान है। डॉ निशंक ने हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय के वर्चुअल दीक्षांत समारोह का उद्धाटन करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय की शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर विकास में बड़ी भूमिका है। श्रीनगर में स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय पहले गढ़वाल विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था और इसकी स्थापना 1973 में हुई।1989 में इस विश्वविद्यालय का नाम हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय किया गया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने शिक्षा के क्षेत्र में नए संस्कारों की पीढ़ियां बनाई हैं।अपने स्थापना के 47वें वर्ष में प्रवेश करते हुए इस विश्वविद्यालय ने कठिन चुनातियों के बीच भी प्रगति की अपनी यात्रा निरंतर बनाये रखी है। आज ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र उत्तराखंड उत्तरोत्तर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री ने विश्वविद्यालय में नीति आयोग द्वारा भारतीय हिमालयन केन्द्रीय विश्वविद्यालय कंसोर्टियम की स्थापना को लेकर बधाई दी।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि कंसोर्टियम पर्वतीय क्षेत्रो में महिला श्रमिको के आर्थिक प्रभावों का सही मूल्यांकन और हिमालयी राज्यों की कृषि-पारिस्थितिकी; पर्वतीय क्षेत्रों में किफायती एवं पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन का विकास; पर्वतीय क्षेत्रो से पलायन नियंत्रण हेतु रोजगार के अवसरों का सृजन तथा जल संरक्षण एवं संवर्धन की रणनीति के क्षेत्र के अध्ययन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में एक बार फिर से कोविड महामारी को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही है लेकिन सरकार महामारी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
कोविड-19 की कठिन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन अध्यापन के माध्यम से छात्रों के पाठ्यक्रम पूरा करवाए। उन्होंने ऑनलाइन अध्ययन-अध्यापन के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विकसित एल.एम.एस. के लिए विश्वविद्यालय परिवार की सराहना की। डॉ. निशंक ने कहा कि विश्वविद्यालय 40 शोध परियोजनाओं और 26 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एम. ओ. यू. के माध्यम से शोध के क्षेत्र में नए आयामों को स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।
शोधारित प्रकाशनों, समृद्ध पुस्तकालय, नवाचार के कार्य, सामाजिक दायित्त्वों के निर्वहन एवं श्रेष्ठ क्रियाकलापों के माध्यम से विश्वविद्यालय निरंतर शैक्षणिक लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षा, शोध, नवाचार एवं सामुदायिक विकास के लिए भी विश्वविद्यालय प्रयास करते हुए 21वी शताब्दी के ज्ञान युग की संकल्पना को साकार करेगा।
इसके अतिरिक्त छात्र-छात्राओं में शिक्षण और प्रशिक्षण के नवीन प्रयासों और विवेकपूर्ण सामाजिक दायित्त्वों के प्रति संवेदनशीलता एवं नैतिक मूल्यों के विकास में ये विश्विद्यालय अपना संपूर्ण योगदान देगा। उन्होंनें कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा बुलंद किया है और उसके लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड शिक्षा के माध्यम से इस दिशा में वोकल फॉर लोकल, एक भारत- श्रेष्ठ भारत तथा आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने का प्रयास करेंगा।