नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने तब्लीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ कथित दुष्प्रचार में लिप्त मीडिया संगठनों के खिलाफ कार्रवाई संबंधी याचिकाओं पर सरकार के हलफनामे पर मंगलवार को असंतोष जताया। मुख्य न्यायाधीश शरद अरंिवद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सरकार के जवाबी हलफनामे को लेकर नाराजगी जतायी। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, ‘‘हम आपके शपथ पत्र से संतुष्ट नहीं हैं।
हमने सरकार से पूछा था कि उसने केबल टेलीविजन अधिनियम के तहत क्या किया है? लेकिन हलफनामे में इस बारे में एक शब्द नहीं है। हम इन मामलों में केंद्र के हलफनामे से निराश हैं।’’ गौरतलब है कि न्यायालय ने केंद्र सरकार से केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत ऐसे मीडिया संगठनों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में पूछा था। न्यायालय ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।