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रिश्वत मामला: CM त्रिवेन्द्र ने अपने खिलाफ CBI जांच शुरू करने के फैसले को उ.न्यायालय में दी चुनौती

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 28 2020 7:03PM | Updated Date: Oct 28 2020 7:12PM
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नैनीताल। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने खिलाफ कथित घूसखोरी प्रकरण की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के मामले में उच्चतम न्यायालय की शरण ली और उच्च न्यायालय के आदेश को बुधवार को विशेष याचिका के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे दी।  उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर झारखंड से जुड़े कथित घूसखोरी मामले में सीबीआई को अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दिये थे।
 
एकलपीठ ने यह भी कहा था कि सीबीआई को सभी दस्तावेज दो दिन के अंदर उपलब्ध कराये जायें। इस आदेश के बाद सरकार और मुख्यमंत्री की परेशानी बढ़नी स्वाभाविक मानी जा रही थी। इस आदेश के आने के बाद सरकार में कल से ही हलचल दिखायी दे रही थी। आनन फानन में मुख्यमंत्री के सभी दौरे रद्द कर दिये गये और काफी मशक्कत के बाद आखिरकार त्रिवेंद्र ने उच्च न्यायालय के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे डाली। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने यूनीवार्ता से इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से इस मामले को विशेष याचिका के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे दी गयी है।
 
मुख्यमंत्री की ओर से स्वयं इस मामले में याचिका दाखिल की गयी है। याचिका उच्चतम न्यायालय में पेश कर दी गयी है। याचिका का डायरी नंबर 23449/2020 है और याचिका दोपहर बारह बजकर 24 मिनट पर उच्चतम न्यायालय में फाइल की गयी है। याचिका में उमेश कुमार को पक्षकार बनाया गया है।  गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने उमेश कुमार के खिलाफ दायर मामलों को खारिज कर दिया था। साथ ही घूसखोरी मामले में सीबीआई को मामला दर्ज करने के निर्देश दे दिये थे।
 
मामला नोटबंदी से पहले झारखंड से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि मुख्यमंत्री ने झारखंड का प्रभारी रहते हुए भाजपा नेता अमृतेश सिंह चैहान को गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने के नाम पर लाखों की घूस ली और घूस का यह पैसा उनके करीबी लोगों के बैंक खातों में जमा किया गया है।  इसके साथ ही यह भी आरोप है कि सरकार के इशारे पर उमेश कुमार के खिलाफ देहरादून में मामले दर्ज किये गये जिसे खारिज करने के लिये उमेश ने उच्च न्यायालय में अलग अलग याचिकायें दायर कीं। उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई को मामला दर्ज करने के निर्देश देते हुए उमेश कुमार की याचिकाओं को सुनवाई के लिये स्वीकार कर लिया।  
 
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