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महागठबंधन से महा और बंधन के अलगाव के बाद बची हैं गांठें : जदयू

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 30 2020 6:59PM | Updated Date: Sep 30 2020 6:59PM
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पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर घटक दलों के महागठबंधन छोड़ने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महागठबंधन में महा और बंधन के अलगाव के बाद केवल गांठें ही बची हैं। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने बुधवार को यहां कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिवाय किसी भी लीडर या गठबंधन की कोइ  जमीन नहीं है।
 
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को जिस तरह से सभी घटक दलों ने छोड़ कर यह एहसास करा  दिया है कि आसन्न हार का दबाव उन सभी के सर चढ़ कर बोल रहा है, और अब  दूसरी तरफ तथा कथित तीसरे और चौथे मोर्चे की बात हो रही है। दरअसल अब जितने  मोर्चे बनाएं, जितने गठबंधन बनाएं, जिसको नेता बनाएं, जिन घटकों को शामिल  करें जनता को इससे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। वैसे भी महागठबंधन में महा और अलगाव के बाद केवल गांठें ही बची हैं। प्रसाद ने कहा कि जनता ने जमीनी तौर पर आने वाले विधानसभा चुनाव में नेतृत्व तय कर लिया है।
 
जिस तरह से पिछले 15  सालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का कायाकल्प किया,  विकास की नई लकीरें खींची एवं नये आयाम गढ़े है, उससे यह पूरा चुनाव उन्हीं के  इर्द-गिर्द केंद्रित है। अन्य किसी राजनेता और गठबंधन की बिहार में न  कोई जगह है और न ही उनके बारे में कहीं कोई बात हो रही है। बिहार में कोई उलटफेर संभव नहीं है। कोई नया गठबंधन बन जाए या  उसे तीसरा या चौथा मोर्चा कहे जनता के बीच उनकी कोई स्वीकार्यता नहीं  है। 
 
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले तीन दशक बैसाखी के सहारे बिहार में राजनीति की है। जिस तरह से राजद के पिछलग्गू के रूप में  कांग्रेस रही है तो उसका अस्तित्व आज कहीं न कहीं खतरे में है। वह अपने  भविष्य के फिर से सुधारने की कोशिश कर रही है। लेकिन, यह निर्णय लेने में  उन्हें विलम्ब हो गया है। प्रसाद ने कहा कि जमीनी मुद्दों से कांग्रेस का कभी कोई  सरोकार नहीं रहा है। जिन दलों से उनकी प्रस्तावित बातचीत हो रही है उनका  बिहार की जनता के बीच कोई वजूद नहीं बचा है।
 

 

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