अहमदाबाद। एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को क्रियान्वित करने वाले नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन (एनएचएसआरसीएल)NHSRCL ने आज कहा कि इसके निर्माण के दौरान ही प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों मिलाकर 90 हजार से अधिक रोजÞगार के अवसर पैदा होंगे। कारपोरेशन की प्रवक्ता सुषमा गौर ने आज जारी बयान में कहा कि निर्माण सम्बंधी काम के लिए 51000 से अधिक टेक्निशियन तथा कुशल और अकुशल कामगारों की जरूरत होगी। कारपोरेशन ऐसे लोगों को विभिन्न सम्बंधित कामों के लिए प्रशिक्षण देने की सम्भावनाएं तलाश रहा है।
पटरी बिछाने के लिए कारपोरेशन ठेकेदारों के कर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की भी व्यवस्था करेगा। उन्होंने बताया कि निर्माण के दौरान 34000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजÞगार के अवसर भी पैदा होंगे। 480 किमी से अधिक लम्बी इस पटरी में 460 किमी लम्बा वायाडक्ट (जÞमीन के ऊपर बनी पुलनुमा संरचना) और समुद्र के नीचे सात किमी समेत कुल 26 किमी लम्बी सुरंगें, 27 लोहे के पुल, 12 स्टेशन और कई अन्य सहायक सुपर संरचनायें होगी। इसके निर्माण के दौरान 75 लाख टन सीमेंट, 21 लाख टन स्टील का इस्तेमाल होने का अनुमान है।
इससे भी सम्बंधित उद्योगों और उनसे जुड़ी आपूर्ति शृंखला में रोजÞगार के अतिरिक्त अवसर पैदा होंगे। 2016 में गठित इस कारपोरेशन की प्रवक्ता ने बताया कि निर्माण सम्बंधी कुछ महत्वपूर्ण कामों के लिए निविदाएं अगले दो माह में खुलेंगी और उन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा। इस परियोजना के लिए अब तक कुल जरूरत की 64 प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत हो चुकी है जिसमें से 82 प्रतिशत गुजरात और केंद्र शासित क्षेत्र दादरा और नगर हवेली में तथा कÞरीब 23 प्रतिशत महाराष्ट्र में है। ज्ञातव्य है कि जापान की सहायता वाली इस परियोजना के कार्य का औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौजूदगी में सितंबर 2017 में अहमदाबाद में किया था।