अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या के चतुर्मुखी विकास के लिये केन्द्र व राज्य सरकार 70 करोड़ रुपये खर्च कर कुंडों का विकास करेगी। अधिकृत सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अयोध्या के चतुर्मुखी विकास के लिये केन्द्र व राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। राम की पैड़ी गुप्तार घाट के सौंदर्यीकरण के बाद अब सरकार विलुप्त हो चले या जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़े पौराणिक कुंडों का जीर्णोद्धार करवाने जा रही है।
केन्द्र सरकार का पर्यटन विभाग और राज्य सरकार द्वारा करीब सत्तर करोड़ रुपये से अयोध्या के कुंडों का विकास करेगी। इसके लिये नोड अर्बन लैब को प्रोजेक्ट बनाने का निर्देश दिया गया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक सम्पन्न हो चुकी है जिसमें अयोध्या के विलुप्त हो रहे या जीण-शीर्ण अवस्था में पड़े पौराणिक कुंडों के विकास के लिये मंथन किया गया है।
बैठक में इस योजना का प्रस्तुतीकरण भी किया गया है। नोड अर्बल लैंड संस्था कुंडों के विकास के लिये अनेक योजना बना रही है। संस्था स्थानीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों से मिलकर और मौके पर निरीक्षण को अंतिम रूप दे रही है। अयोध्या विधानसभा के विधायक वेदप्रकाश गुप्ता ने बताया कि प्रारंभिक चरण में दशरथ कुंड, अग्निकुंड, विद्या कुंड, गणेश कुंड व हनुमान कुंड का प्रस्ताव बनाया गया है। इसको और विस्तृत करने के लिये अन्य कुंडों को भी शामिल किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य विरासत के विकास को महत्तव देना, रामराज्य के मूल प्रभाव को लेते हुए विकास करना और पर्यटन विकास हेतु गुप्तार घाट से नयाघाट तक के विकास कार्यों को महत्व देना है। यही नहीं अयोध्या धाम के मुख्य स्थानों को पूर्ण विकसित करने को भी प्राथमिकता देने की घोषणा है, ताकि टूरिस्ट पर्यटन केन्द्र मानकर कुछ स्थानों पर जरूर पहुंचे। विधायक वेदप्रकाश गुप्ता ने बताया कि सरकार की मंशा है कि अयोध्या को पर्यटन केन्द्र बनाकर अयोध्या को एक नई दिशा दी जाय ताकि दूरदराज से पर्यटक अयोध्या पहुंचें और पौराणिक स्थलों का भ्रमण कर उसके इतिहास के बारे में जान सकें।