लेह/लद्दाख। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अनुच्छेद 370 के खात्मे के साथ जम्मू-कश्मीर और लेह-कारगिल के विकास में बाधा बने तमाम कानूनों को खत्म कर लद्दाख के विकास की रफ्तार पर लगा ‘स्पीड ब्रेकर’ध्वस्त किया गया है। नकवी ने लेह के दो दिवसीय दौरे के दौरान गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न आर्थिक, शैक्षणिक विकास योजनाओं-कार्यक्रमों का लाभ जम्मू-कश्मीर, लेह-कारगिल के लोगों को मिलना शुरू हो गया है।
उन्होंने लेह, साबू-थांग, शुकोट शमा, शुकोट गोंगमा, फ्यांग आदि में सभाएं, जन संपर्क, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर और लेह-कारगिल में विकास की ‘‘राजनैतिक एवं कानूनी अड़चने’’ खत्म हुई हैं और विकास का चौमुखी समावेशी माहौल बना है। पचहत्तर हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगारपरक कौशल विकास की ट्रेनिंग मुहैया कराई गई है।
पचास नये कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं, वर्तमान में जो कॉलेज हैं, उनमें एक वर्ष में 25 हजार नई सीटें बढ़ाई गयी हैं। लाखों छात्र-छात्राओं को विभिन्न वजीफे दिये गये हैं। वजीफे में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लद्दाख में एक नये मेडिकल कॉलेज, एक इंजीनियंिरग कॉलेज की स्थापना की जा रही है। लेह में नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की जा रही है। नकवी ने कहा कि हजारों रिक्त पड़ी सरकारी नौकरियों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पैंतीस हजार से ज्यादा स्कूल टीचर को नियमित कर दिया गया है। पांच सौ करोड़ रुपए से ज्यादा कंस्ट्रक्शन मजदूरों, पिट्ठूवाला, रेहड़ी वालों, महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों के लिए दिए गए हैं। जम्मू, कश्मीर, लद्दाख को ‘‘इन्वेस्टमेंट हब’’ बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से 14 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया है।
उन्होंने कहा कि जम्मू, कश्मीर, लद्दाख के सभी निवासियों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया गया है। आयुष्मान भारत का लाभ 30 लाख से ज्यादा लोगों को दिया गया है। कोरोना काल में 17 विशेष अस्पताल, 60 हजार नए बेड की व्यवस्था की गई है। कोरोना के चलते देश-विदेश में फंसे जम्मू,कश्मीर और लद्दाख के दो लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों को वापस उनके घर पहुंचाया गया।