गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर के महंत योगी आदित्यनाथ ने आज यहां कहा कि स्वच्छता की दृष्टि से गोरक्षपीठ के पूज्य संतों ने बहुत पहले से ही समाज में एक नए मापदंड स्थापित किए और यही स्वच्छता कि अपनी दृष्टि उन्होंने अपने सारी संस्थाओं को दी। गोरक्षपीठाधीश्वर ने रविवार को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ के 51वीं एवं राष्ट्रसंत महन्त अवेद्यनाथ के 6वीं पुण्यतिथि के अवसर पर ‘राष्ट्रीसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ के श्रद्धांजलि सभा’ की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस कोरोना महामारी में भी हम अपने महापुरुषों के प्रति इस प्रकार से भव्य कायक्रमों का आयोजन कर श्रद्धांजलि दे सकते हैं, इसका उदाहरण हमें इस तकनीकी सहयोग से होने वाले कार्यक्रम से मिलता है।
उन्होंने कहा कि पूज्य दोनों संतो की भारत के सनातन जीवन मूल्यों के प्रति अपार श्रद्धा थी व सनातन धर्म तथा भारतीयता का अनुसरण ही उन्होंने जीवन भर किया। उन्होंने कहा कि जिन कारणों से और जो कारक ंिहदू समाज को कमजोर करने तथा समाज को विभाजित करने व भारत को कमजोर करने के माध्यम बनते थे उनका डटकर विरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूज्य महंत अवेद्यनाथ गोरक्षपीठ के अपने गुरु परंपरा का निर्वहन करते हुए निरंतर 45 वर्ष तक गोरक्षपीठाधीश के रूप में न/न केवल गोरक्षपीठ के भक्तों का तथा सनातन ंिहदू धर्म के मूल्यों व आदर्शे को स्थापित किया वरन उसे एक नेतृत्व दिया तथा संकट के समय में भी एक योग्य मार्गदर्शक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ का उद्देश्य सेवा के साथ जुड़कर लोकमंगल के कार्यों को करते रहना ही है और पूज्य बहमलीन महंत अवेद्यनाथ का जीवन दर्शन जो हमें सदाचार व सत्कर्तव्य के लिए नित्य प्रेरित करता रहता है। स्वच्छता की दृष्टि से गोरक्षपीठ के पूज्य संतों ने बहुत पहले से ही समाज में एक नए मापदंड स्थापित किए और यही स्वच्छता कि अपनी दृष्टि उन्होंने अपने सारी संस्थाओं को दी।