नई दिल्ली। कोरोना महामारी की चुनौती के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देशवासियों से नये, आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का संकल्प लेने का आ’’ान करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि देश इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मोदी ने आज यहां 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने दूसरे कार्यकाल में दूसरी बार और लगातार सातवीं बार ध्वजारोहण के बाद करीब डेढ घंटे के संबोधन में देश के सामने खड़ी विभिन्न चुनौतियों तथा भविष्य की योजनाओं का उल्लेख करते हुए नये तथा आत्मनिर्भर भारत की रूपरेखा पेश की।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा, सुरक्षा , कृषि, महिला सशक्तीकरण ,सामाजिक सुधार, ढांचागत विकास , पडोसी देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की नीति के साथ सरकार की अनेक योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की चुनौती देश को यह लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ करीब तीन महीने से चल रही तनातनी और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की हरकतों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संप्रभुता की रक्षा देश की सर्वोच्च प्राथमिकता है और हमारे जवानों ने लद्दाख में दुनिया को दिखा दिया है कि वे भारत की ओर आंख उठाकर देखने वालों को उसी की भाषा में करारा जवाब देना जानते हैं।
यह मोदी का दूसरा सबसे लंबा भाषण था इससे पहले उन्होंने 2016 में 94 मिनट तक भाषण दिया था। इस दौरान समारोह पर कोरोना महामारी का साया भी दिखाई दिया। समूचे समारोह की व्यवस्था कोरोना से संबंधित प्रोटोकाल को ध्यान में रखकर की गयी थी जिसमें सभी अतिथि और सुरक्षाकर्मी मास्क पहने और दो गज की दूरी का पालन करते नजर आये। कोरोना के कारण ही इस बार समारोह का आकर्षण स्कूली बच्चों को आमंत्रित नहीं किया गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा , ‘‘ आत्मनिर्भर भारत 130 करोड़ देशवासियों के लिए एक मंत्र बन गया है। मुझे विश्वास है कि भारत इस सपने का चरितार्थ करेगा। मुझे अपने देशवासियों की योग्यता और क्षमता पर विश्वास है। जब भारत कुछ ठान लेता है तो वह उसे करके रहता है। ’’ आत्मविश्वास को आत्मनिर्भरता की पहली शर्त बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की युवा शक्ति , जन शक्ति और मातृ शक्ति पर उन्हें विश्वास है कि वह इस सपने को पूरा करके रहेगी।