सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान कंपनी और कर्मचारी दोनों के लिए घोषित राहत उपायों के तहत तीन महीनों मई, जून और जुलाई के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के योगदान में 4% की कटौती की गई थी। इसलिए अगस्त से आपकी कंपनी पुरानी कटौती दरों पर वापस आ जाएगा। अगर आसान शब्दों में कहें तो अगस्त से ईपीएफ पहले की तरह 12 फीसदी ही कटेगा।
पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई महीने में तीन महीने के लिए यानी जुलाई 2020 तक के लिए ईपीएफ योगदान को चार फीसदी घटाने का एलान किया था। जिससे लगभग छह लाख 50 हजार कंपनियों के कर्मचारियों को हर महीने दो हजार 250 करोड़ रुपये का फायदा हुआ। नोटिफिकेशन में कहा गया था कि EPF योगदान में की गई कटौती मई, जून और जुलाई 2020 के लिए लागू होगा।
EPF कंट्रीब्यूशन में की गई यह कटौती उन कर्मचारियों के लिए लागू थी, जो 24 फीसदी ईपीएफ सपोर्ट और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज व इसके विस्तार के अंतर्गत लाभ लेने के योग्य नहीं हैं। वहीं बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) के चार फीसदी बराबर कटौती से सैलरी भी बढ़ गई है।
सेंट्रल पबल्कि सेक्टर एंटरप्राइजेज और राज्य सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए EPFO में नियोक्ता के योगदान में किसी तरह की कटौती नहीं की गई थी। उनका योगदान 12 फीसदी ही रखा गया था। जबकि कर्मचारियों ने 10 फीसदी ही का भुगतान किया था। अब अगले महीने से कटौती पुराने लेवल पर वापस आ जाएगी।