नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोविड-19 संक्रमण के ईलाज के लिए भर्ती एक दैनिक अखबार के पत्रकार तरुण सिसौदिया के चौथी मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या करने की घटना पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि युवा पत्रकार मानसिक समस्या से गुजर रहे थे और अस्पतालकर्मियों ने उन्हें कूदने से रोकने की कोशिश की थी। एम्स प्रशासन ने आज कहा कि तरुण सिसौदिया को कोविड-19 संक्रमण के कारण गत 24 जून को जयप्रकाश नारायण ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था।
उनके लक्षणों में अच्छा सुधार आ रहा था और आज वह सामान्य रुप से सांस लेने में सक्षम थे। उन्हें आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट करने की योजना थी। एम्स के मुताबिक एक प्रकार के ब्रेन ट्यूमर के कारण तरुण की सर्जरी गत मार्च में जी बी पंत अस्पताल में हुई थी। जयप्रकाश नारायण ट्रामा सेंटर में कोविड-19 संक्रमण के उपचार के दौरान उन्हें स्थितिभ्रम (डिस्ओरिएंटेशन) की समस्या हो रही थी, जिसके लिए न्यूरोलॉजिस्ट तथा मनोचिकित्सकों से उन्हें दिखाया गया और उन्हें दवा दी गयी थी।
उनकी स्थिति के बारे में उनके परिजनों को नियमित जानकारी दी जा रही थी। तरुण आज अपराह्रन करीब एक बजकर 55 मिनट पर अपने वार्ड से दौड़कर भागने लगे। अस्पताल के अटेंडेट भी उनके पीछे दौड़े और उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वह चौथी मंजिल की खिड़की का शीशा तोड़कर कूद गये। उन्हें तत्काल ट्रामा सेंटर के आईसीयू में एंबुलेंस से ले जाया गया । उन्हें बचाने की हरसंभव कोशिश की गयी लेकिन उन्होंने तीन बजकर 35 मिनट पर दम तोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि भजनपुरा निवासी तरुण सिसोदिया (37) ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर की चौथी मंजिल से कूदकर आज आत्महत्या कर ली ।