नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच स्थित काफी तनानपूर्ण हो गई थी, ऐसे में अब इस विवादित इलाके से चीनी सेना करीब 2 किलोमीटर पीछे हट गई है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच पीछे हटने को लेकर बातचीत चल रही थी। मिली जानकारी के मुताबिक अब दोनों देशों की सेना ने रिलोकेशन पर सहमती व्यक्त की है। इसके साथ ही सेना पीछे हट गईं हैं। बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लेह पहुंच गए थे।
यहां पीएम ने नीमू पोस्ट पर पहुंचकर नक्शे के माध्यम से पूरी स्थिति का जायजा लिया। ये पोस्ट लद्दाख बॉर्डर से कुछ किमी के दूरी पर स्थित है। पीएम मोदी के दौरे के तुरंत बाद चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी पक्ष को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे सीमा पर हालात जटिल हों। मोदी ने लेह का दौरा किया जहां उन्होंने सेना, वायु सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत की। मोदी के साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी थे।
लद्दाख तनाव के बीच USA से मिसाइल और लेजर गाइडेड बम से लैस ड्रोन खरीदने की तैयारी में भारत पीएम ने सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा, विस्तारवाद का दौर समाप्त हुआ और भारत के शत्रुओं ने उसके सशस्त्र बलों के 'कोप और क्रोध' को देख लिया है। मोदी की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाताओं से कहा, 'चीन और भारत सैन्य तथा राजनयिक माध्यमों से एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं। किसी भी पक्ष को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो सीमा पर हालात को जटिल बना दे।'