नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अपने गृह राज्य लौटे प्रवासी मजदूरों को सशक्त करने और उन्हें आजीविका मुहैया कराने के लिए ग्रामीण लोक कार्य योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के जरिए कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान अपने राज्य लौटे लाखों प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रवासी मजदूरों से बात भी की और गरीबों को सरकार की ओर से मुफ्त राशन मिलने के बारे में चर्चा की। साथ ही उन्होंने मजदूरों से आज शुरू किए गए रोजगार अभियान के तहत मिलने वाले फायदों से अवगत कराया और कहा कि इसके जरिए प्रवासी श्रमिकों को सशक्त बनाने के लक्ष्य का विवरण दिया। इस कार्यक्रम के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के 116 जिलों को कवर किया जाएगा। इन सभी जिले में लॉकडाउन के दौरान 25 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक वापस लौटे हैं।
50 हजार करोड़ रुपये के लागत वाले इस योजना के तहत रोजगार प्रदान करने और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 25 विभिन्न प्रकार के कार्यों का गहन और केंद्रित कार्यान्वयन शामिल होगा। यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहर गांव से शुरू किया जाएगा। यह योजना 12 विभिन्न मंत्रालयों और विभागों- ग्रामीण विकास पंचायती राज, सड़क परिवहन और हाइवे, खनन, पेयजल व सैनिटेशन के जरिए सफल होगा।