वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की 8000 करोड़ रुपये की काशी विश्वनाथ मंदिर कोरिडोर समेत 100 विभिन्न विकास परियोजनाओं की यहां के संबंधित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर कर समीक्षा की और ऐतिहासिक एवं स्थापत्य विरासत को बनाये रखते हुए उन्हें पूरा करने को कहा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते कहा कि कोरिडोर निर्माण के दौरान जिन मंदिरों का पता चला है उनकी ऐतिहासिक एवं स्थापत्य विरासत बनाये रखते हुए उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए।
इसके लिए विशेषज्ञों की मदद लेनी चाहिए ताकि यहां आने वाले पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों को उनके महत्व से अच्छी तरह से अवगत कराया जा सके। इस संदर्भ में काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को तीर्थयात्रियों की सुविधा के मद्देनजर उचित पर्यटन गाइड वाला एक मार्ग मानचित्र तैयार करना चाहिए। प्रधानमंत्री की इस वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक (नई दिल्ली से) में यहां उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्थानीय विधायक नीलकंठ तिवारी एवं रविंद्र जायसवाल के अलावा विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह (रोहनिया), सौरभ श्रीवास्तव (वाराणसी कैंट), नील रतन नीलू, (सेवापुरी), विधान पार्षद अशोक धवन एवं लक्ष्मण आचार्य, वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, नगर आयुक्त गौरांग राठी वीडियो कांफ्रेसिंग बैठक में यहां भाग लिया।
मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के ले-आउट को ड्रोन वीडियो के माध्यम से देखा तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने वाराणसी में शुरू की जा रही सभी परियोजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में लगभग 8000 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी में 100 से अधिक बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं। इसमें अस्पताल भवन, राष्ट्रीय जलमार्ग, रिंग रोड, बाई-पास, भारत-जापान के सहयोग से इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ जैसे सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को समय सीमा के भीतर विकास कार्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक निर्देश देते हुए अधिकारियों से कहा कि गुणवत्ता के उच्चतम मानकों का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि ‘नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर’ को ध्यान में रखते हुए निर्माण के लिए गैर-नवीकरणीय ऊर्जा का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे वाराणसी जिले में घरों और स्ट्रीट लाइट पर एलईडी बल्ब का उपयोग किया जाए।
उन्होंने विश्व धरोहर के रूप में काशी की भूमिका को बढ़ावा देने और प्रचार करने के लिए हर प्रकार के प्रयास किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि यहां पर्यटन और यात्रा की संख्या बढ़ाने के लिए क्रूज पर्यटन, लाइट एंड साउंड शो, खिड़किया और दशाश्वमेध घाटों के कायाकल्प, ऑडियो-वीडियो स्क्रीन के माध्यम से गंगा आरती का प्रदर्शन तेजी से किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को जापान, थाईलैंड आदि देशों के सप्ताह भर के त्यौहारों को आयोजित करने का निर्देश दिया, जहाँ बौद्ध धर्म को उनकी कला और संस्कृति विरासत को मनाया जाता है।
मोदी ने अधिकारियों को एक मॉडल रोड को चिन्हित करने का निर्देश दिया है, जिसे काशी की इस विरासत को प्रतिंिबबित करने के लिए एक उपयुक्त विषय के साथ गौरव पथ के रूप में स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के साथ विकसित किया जाए। उत्तर प्रदेश-मोदी वाराणसी समीक्षा तीन अंतिम वाराणसी उत्तर प्रदेश-मोदी वाराणसी समीक्षा तीन अंतिम वाराणसी प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पर्यटन स्थल के रूप में काशी को स्वच्छता के सभी मापदंडों में श्रेष्ठतम बनाएं।
ओडीएफ प्लस के वांछित स्तर को प्राप्त करने के लिए सारे प्रयास किये जाएं। व्यापक सफाई के लिए तकनीक का प्रयोग करें। हर घर से कचरा एकत्र किया जाना सुनिश्चित करें। व्यापक सफाई से वातावरण सकारात्मक होगा। लोगों की सेहत के लिए भी यह जरूरी है। उन्होंने कचरे से धन सृजन पर ध्यान दिया जाने पर जोर देते हुए कहा कि या तो उससे ऊर्जा बनायी जाय कंपोस्ट खाद। लागत कम कर आय बढ़ाने के लिए किसानों को शून्य बजट खेती के लिए प्रोत्साहित करें। मोदी ने वाराणसी को हल्दिया से जोडन वाले राष्ट्रीय जलमार्ग का एक केंद्र वाराणसी को बनाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि प्रमुख बंदरगाहों की तरह पूरे इको-सिस्टम, कार्गो शिंिपग और माल ढुलाई के विकास के लिए योजना बनाएं।
लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार और आधुनिकीकरण कार्यों को प्राथमिकता से पूरा कराएं ताकि काशी उन प्रमुख शहरों में से एक बन जाए जो अत्याधुनिक रेल, सडŸक, पानी और हवाई सेवा से जुड़ जाए। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि इन योजनाओं का लाभ नागरिकों तक जल्द से जल्द पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने पटरी व्यवसाइयों के लिए जारी योजना की प्रगति पर बारीकी से नजर रखने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सबको उपयुक्त प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे से लैस करें। उन्हें कैशलेस लेनदेन के लिए प्रोत्साहित करें।
उनके बैंक खाते खोलें, व्यवसाय और क्रेडिट प्रोफाइल को डिजिटल करें। उन्होंने कहा कि किसान सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से हैं। उनकी आय बढ़ाने के गंभीर प्रयास करें। उनको मधुमक्खी पालन के लिए प्रोत्साहित करें। प्राथमिकता के आधार पर वाराणसी में एक पैकेंिजग संस्थान स्थापित करें ताकि किसानों अपने उत्पादों को निर्यात के लिए बेहतर तरीके से पैकेजिंग कर सकें। प्रधानमंत्री ने एपीडा (वाणिज्य मंत्रालय) के साथ मिलकर सब्जियों और आमों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के नौ प्रमुख क्षेत्रों के प्रगति के बारे में भी जाना। साथ ही एनआईटीआई द्वारा तैयार ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों के सामुदायिक आंदोलन के रूप में पोषण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जहां तक संभव हो महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों को इस काम में लगाएं।
विभिन्न संगठन और समुदाय के सदस्यों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों को अपनाना, स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता की व्यवस्था करना और बच्चों के भोजन से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को बनाने का भी प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया। यह भी कहा कि वाराणसी के लोगों के जीवन स्तर में सुधार, लोगों को गुणवत्ता की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए विकास और जनहित के कार्यों में तेजी लाएं।