नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में दहशत फैली हुई है। रोज कई लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं।इससे संक्रमित लोगों की संख्या दुनिया भर में बढ़कर 85.83 लाख हो गई है। इस वायरस से दुनियाभर में अब तक करीब 4.56 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इस महामारी से अब तक 45.32 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। कोविड-19 से अमेरिका में सबसे अधिक लोग प्रभावित है।
अमेरिका में इसके मरीजों की संख्या 22.63 लाख के पार पहुंच चुकी है, जबकि 1.2 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ब्राजील, भारत, रूस और पेरू जैसे देशों में भी मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दुनिया भर में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 35.94 लाख हो गयी है।दुनियाभर के वैज्ञानिक लगातार इस महामारी की ऐसी दवा खोजने में जुटे हुए हैं जो कोरोना संक्रमण से बचने का पक्का इलाज हो।
मीडिया रिपोर्ट्स में छपी खबर की मानें तो ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने हालिया शोध में पाया है कि डेक्सामेथासोन नाम की वैक्सीन कोविड के मरीजों को देने पर उनकी स्थिति में काफी तेजी से सुधार हुआ है। जो मरीज गंभीर स्थिति में थे उनमें मृत्युदर भी 35 फीसदी तक घट गई है।
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोविड का इलाज खोजते हुए डेक्सामेथासोन को इसीलिए महत्वपूर्ण बताया है क्यों कि यह दवाई कोविड पेशंट्स के शरीर के अंदर साइटोकाइन्स का तूफान आने से रोकती है। यानी यह साइटोकाइन्स के रिलीज होने की क्षमता को नियंत्रित करने का काम करती है। ताकि फेफड़ों में सूजन आने से रोकी जा सके और शरीर को ऑक्सीजन भी मिलती रहे।
रिपोर्ट्स की मानें तो डेक्सामिथेसोन का भारत में पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है। भारत से ये दवा 107 देशों में एक्सपोर्ट की जाती है। भारत में इस दवा के 20 ब्रांड्स मौजूद हैं। देश में इस दवा की 10 टैबलेट की स्ट्रिप मात्र 3 रुपये की आती है। इस दवा का उपयोग रह्यूमेटिक बीमारी, त्वचा संबंधी बीमारियों, एलर्जी, दमा, क्रोनिक ऑब्सट्र्क्टिव लंग डिजीस, दांत और आंखों की सूजन के लिए किया जाता है। यह एक स्टेरॉयड है, जिसे डॉक्टरों की देखरेख मे मरीजों को दिया जाता है।